ईरान पर इजरायली हमले के बाद नेतन्याहू ने पीएम मोदी से की फोन पर बात

Netanyahu Spoke To PM Modi On The Phone News In Hindi: मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव के बीच इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बातचीत की। यह बातचीत 13 जून 2025 को ईरान पर इजरायल के हवाई हमलों के बाद हुई, जिसे इजरायल ने “ऑपरेशन राइजिंग लायन” का नाम दिया। इस हमले में ईरान के शीर्ष सैन्य कमांडरों और परमाणु वैज्ञानिकों के मारे जाने की खबरें सामने आई हैं, जिसने क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर चिंता बढ़ा दी है।

नेतन्याहू ने दी हमले की जानकारी

सूत्रों के अनुसार, नेतन्याहू ने पीएम मोदी को फोन कॉल के दौरान ऑपरेशन राइजिंग लायन के उद्देश्यों के बारे में बताया। उन्होंने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को इजरायल और वैश्विक सुरक्षा के लिए खतरा करार देते हुए इस कार्रवाई को जरूरी ठहराया। नेतन्याहू ने कहा कि इजरायल ने यह कदम अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए उठाया, ताकि ईरान को परमाणु हथियार विकसित करने से रोका जा सके।

पीएम मोदी ने जताई शांति की अपील

प्रधानमंत्री मोदी ने इस बातचीत में भारत की स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव पर चिंता जताते हुए सभी पक्षों से संयम बरतने की अपील की। पीएम मोदी ने जोर देकर कहा कि क्षेत्र में शीघ्र शांति और स्थिरता की आवश्यकता है, और इसका रास्ता केवल बातचीत और कूटनीति से ही निकल सकता है। भारत ने हमेशा से क्षेत्रीय स्थिरता और शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन किया है, और इस मौके पर भी पीएम मोदी ने इस नीति को दोहराया।

भारत की संतुलित कूटनीति

भारत का इजरायल और ईरान दोनों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध रहा है। इजरायल के साथ रक्षा और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत का सहयोग मजबूत है, वहीं ईरान के साथ ऊर्जा और व्यापार के क्षेत्र में लंबे समय से संबंध हैं। ऐसे में भारत की स्थिति संतुलित और कूटनीतिक रही है। पीएम मोदी की यह अपील इस बात का संकेत है कि भारत क्षेत्र में शांति और स्थिरता को प्राथमिकता देता है।

मध्य पूर्व में बढ़ता तनाव

इजरायल के हमलों ने मध्य पूर्व में पहले से ही जटिल स्थिति को और गंभीर कर दिया है। ईरान ने इन हमलों की निंदा करते हुए जवाबी कार्रवाई की धमकी दी है। दोनों ही पक्ष आक्रामक ढंग से एक-दूसरे पर हमले कर रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय समुदाय, जिसमें संयुक्त राष्ट्र और कई देश शामिल हैं, ने इस स्थिति पर चिंता जताई है और तनाव को कम करने की अपील की है। भारत, जो मध्य पूर्व के कई देशों के साथ मजबूत कूटनीतिक और आर्थिक संबंध रखता है, इस क्षेत्र में स्थिरता के लिए सक्रिय भूमिका निभाने की कोशिश कर रहा है।

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