Electricity worker died due to electric shock: यह घटना गुरवार, 15 अगस्त की शाम को हुई. जहां विद्युत विभाग का कर्मचारी आनंद प्रजापति फॉल्ट सुधारने के लिए खंभे पर चढ़ा था. इस दौरान पावर हॉउस से किसी ने लाइट चालू कर दी थी. जोर का झटका लगने की वजह से मौके पर ही उसकी मौत हो गई थी. बताया गया है कि पावर हाउस में नरेश नाम का कर्मचारी ड्यूटी कर रहा था. उसी को लाइट बंद और चालू करवानी थी. घटना के बाद से कर्मचारी नरेश फरार है.
Electricity worker died due to electric shock: गुना आरोन क्षेत्र में बिजली का फॉल्ट सुधारने के लिए खंभे पर चढ़े लाइनमैन की करंट लगने से मौत हो गई. उसका शव डेढ़ घंटे तक खंभे पर ही लटका रहा. विद्युत विभाग इसके बाद कोई भी व्यवस्था नहीं कर पाया, फिर नगरपालिका के हाइड्रोलिक वाहन से शव को नीचे उतारा गया. यह घटना गुरवार, 15 अगस्त की शाम को हुई. जहां विद्युत विभाग का कर्मचारी आनंद प्रजापति फॉल्ट सुधारने के लिए खंभे पर चढ़ा था. इस दौरान पावर हॉउस से किसी ने लाइट चालू कर दी थी. जोर का झटका लगने की वजह से मौके पर ही उसकी मौत हो गई थी. बताया गया है कि पावर हाउस में नरेश नाम का कर्मचारी ड्यूटी कर रहा था. उसी को लाइट बंद और चालू करवानी थी. घटना के बाद से कर्मचारी नरेश फरार है.
4 दिन पहले ट्रांसफर होकर आया था मृतक
मृतक का शव पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेजा गया है. बताया गया कि मृतक कर्मचारी आनंद प्रजापति ने 4 दिन पहले ही मधुसूदनगढ़ क्षेत्र से ट्रांसफर होकर आरोन आया था. गुरुवार, 15 अगस्त की शाम 5:30 बजे वह 11 केवी की बिजली लाइन में फॉल्ट सुधारने के लिए बिजली के खंभे पर चढ़ा था. इसी दौरान अचानक प्रवाह आने की वजह से वह करंट की चपेट में आ गया. जहां मौके पर उसने दम तोड़ दिया। इतना ही उसका शव डेढ़ घंटे तक खंभे में ही लटका रहा. शाम 7 बजे नगर पालिका के हाइड्रोलिक वाहन से शव को नीचे उतारा गया.
परिजन को नहीं दी गई थी जानकारी
आनंद की मौत के बाद शव को नीचे उतारा गया और उसे अस्पताल ले जाया गया. डॉक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया था. इसके बाद विद्युत विभाग के कर्मचारी परिवार से बिना बताए शव को गुना जिला अस्पताल लेकर गए. यहां शव को पोस्टमार्टम रूम में रखवा दिया गया. जबकि जिस अस्पताल में उसे मृत घोषित किया गया था वहां भी पोस्टमार्टम की व्यवस्था थी. ऐसे में परिजनों ने सवाल उठाया कि परिवार को बिना बताए शव को गुना क्यों लेकर गए. जब परिवार वालों को पता चला, तब वह गुना पहुंचे। इस मामले में गुना बिजली कंपनी के डीई का कहना है कि मामले की जांच कराई जा रही है.