पहले बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीन ने अपने पद से इस्तीफा दिया और देश छोड़कर भारत आ गई। वहीं अब भारत के पड़ोसी देश के साथ ऐसा ही होता नजर आ रहा है .
पहले बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अपने पद से इस्तीफ़ा दिया और देश छोड़कर भारत आ गई। इस पूरे घटनाक्रम का असर भारत पर भी हुआ। बांग्लादेश में स्थिति अभी भी तनावपूर्ण है . वहीं अब खबर थाईलैंड से है जहां कुछ – कुछ हालात बांग्लादेश जैसे बन रहे है . दरअसल थाईलैंड की संवैधानिक अदालत ने बुधवार को प्रधानमंत्री श्रेथा थाविसिन को पद से हटा दिया है. अदालत ने उनके खिलाफ एक नैतिकता के मामले में फैसला सुनाया है. इस फैसले के बाद से थाईलैंड में एक बार फिर सियासी भूचाल आ गया है
कैबिनेट सदस्य की नियुक्ति को लेकर श्रेता दोषी करार
जजों ने एक फैसला दिया कि श्रेथा थाविसिन ने अपने मंत्रिमंडल में एक अपराधी वकील को नियुक्त कर नियमों का उल्लंघन किया है . यह मामला थाईलैंड के पूर्व सत्तारूढ जुं द्वारा नियुक्त पूर्व सीनेटर के एक समूह द्वारा लाया गया था. संवैधानिक न्यायालय ने श्रेता को एक कैबिनेट सदस्य की नियुक्ति को लेकर दोषी ठहराया.
आपको बता दे कि इसे अदालत के एक अधिकारी को रिश्वत देने के मामले में जेल की सजा हुई थी. अदालत ने श्रेता के खिलाफ पांच चार के बहुमत से फैसला दिया. संसद जब तक नए प्रधानमंत्री की नियुक्ति नहीं करती तब तक कैबिनेट कार्यवाहक आधार पर बनी रहेगी.
2008 में भी हुई थी 6 महीने की जेल
श्रेता ने अपने कैबिनेट के फेर बदल में पिचर चु एन बान को प्रधानमंत्री कार्यालय के मंत्री के के रूप में नियुक्त किया था. पिचर को वर्ष 2008 में अवमानना के मामले में 6 महीने की जेल की सजा हो चुकी है। तब उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री थाकसिन शिनावात्रा से जुड़े एक मामले में एक न्यायाधीश को 20 लाख की रिश्वत देने की कोशिश की थी . इस घटना के बाद विवाद जब फिर से शुरू हुआ तो नियुक्ति के कुछ हफ्ते बाद पचट ने अपने पद से स्तीफा दे दिया।