भारत की अध्यक्षता में 9 सितंबर को नई दिल्ली में हुई G20 Summit में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने अफ्रीकन यूनियन (AU) को जी20 का परमानेंट मेंबर बनाने के प्रस्ताव को पेश किया। इसी के साथ अब Group20, G21 बन गया.
What Is African Union In Hindi: देश की राजधानी दिल्ली में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में 9 सितंबर से शुरू हुई G20 Summit 2023 में अफ्रीकन यूनियन को परमानेंट मेंबर बनाने का प्रस्ताव पेश हुआ. जैसे ही पीएम मोदी ने African Union को G20 का स्थाई सदस्य बनाने का प्रस्ताव पेश किया वैसे ही AU के प्रेसिडेंट Azali Assoumani आगे बढे और पीएम मोदी को गले लगा लिया।
पीएम मोदी ने कहा- “मेरा विश्वास है कि इस प्रस्ताव पर हम सबकी सहमति है. आप सबकी सहमति से आगे की कार्यवाही शुरू करने से पहले, मैं अफ्रीकन यूनियन के अध्यक्ष को G20 के स्थाई सदस्य के रूप में अपना स्थान ग्रहण करने के लिए आमंत्रित करता हूं.”
अफ्रीकन यूनियन क्या है?
What Is African Union: अफ्रीकन यूनियन 55 अफ़्रीकी देशों का एक संगठन है. इसमें अफ्रीका महाद्वीप के सभी देश शामिल हैं. AU की आधिकारिक शुरुआत 2002 में हुई थी लेकिन इसका इतिहास 60 साल पुराना है.
मई 1963 में 32 अफ़्रीकी देशों ने देशों का समूह बनाने की परिकल्पना की थी. इसके लिए एक मीटिंग इथोपिया में बुलाई गई थी. यहां इस संगठन का नाम ‘ऑर्गनाइजेशन ऑफ़ अफ्रीकन यूनिटी’ (OAU) रखा गया था.
AU का उद्देश्य अफ्रीकी देशों के राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक समस्याओं को साथ मिलकर सुलझाया जाए. इसके अलावा अफ्रीकी देशों में स्वतंत्रता, समानता, न्याय जैसे लक्ष्यों को हासिल करना. इनमें सबसे बड़ा लक्ष्य था अफ्राका को उपनिवेशवाद से छुटकारा दिलाना और अफ्रीकी देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की सुरक्षा करना था.
सितंबर 1999 को लीबिया में OAU की बैठक के दौरान ही अफ्रीकन यूनियन बनाने की घोषणा हुई. जुलाई 2002 में डरबन में आधिकारिक रूप से इसे लॉन्च किया गया. 2004 में AU भी EU (European Union) की तरह पार्लियामेंट वाला यूनियन बन गया.
AU में जिन देशों में लोकतंत्र खत्म कर तख्तापलट कर दिया जाता है. उन देशों को AU से निकाल दिया जाता है. जैसे 2009 में मेडागास्कर और 2012 में माली को हटा दिया गया था और शांति होने के बाद ही इन्हे वापस जोड़ा गया था. AU के अध्यक्ष हर साल बदलते हैं. अभी कोमोरोस के राष्ट्रपति अजाली असोमानी AU के प्रेसिडेंट हैं.
AU के G20 में शामिल होने से क्या होगा?
AU के G20 में शामिल होने से दुनियाभर खासकर अफ्रीका में भारत की छवि पहले से भी मजबूत होगी। क्योंकि भारत ने ही AU को G20 में शामिल करने का प्रस्ताव पेश किया है. भारत के ज्यादातर अफ़्रीकी देशों से अच्छे ताल्लुख हैं. इधर भारत की AU की वकालत करने से देश ध्रुवीकरण को तोड़कर विकासशील देशों की बराबरी की बात कर रहा है, ऐसे में भारत की छवि अच्छी होगी.
जाहिर है सबसे ज्यादा फायदा AU देशों का होगा, जो दुनिया से कटे हुए हैं. लेकिन G20 का मंच मिलने के बाद उनके हालातों में सुधार आएगा। बाकी देश AU के गरीब देशों की मदद के लिए कुछ करेंगे। AU देश भी अपने आर्थिक मुद्दे और जलवायु से जुड़े मुद्दे को G20 देशों के सामने रख सकेंगे।