Afghan Embassy Press Conference Controversy: अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी (Amir Khan Muttaqi) की नई दिल्ली स्थित अफगान दूतावास में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस (Afghan Embassy Press Conference) में केवल चुनिंदा पुरुष पत्रकारों को ही प्रवेश की अनुमति दी गई, जबकि महिला पत्रकारों को रोका गया। इस घटना पर कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है, लेकिन विदेश मंत्रालय (MEA) ने स्पष्ट किया कि यह पूरी तरह अफगानिस्तान सरकार (Taliban Government Event) द्वारा आयोजित कार्यक्रम था, जिसमें भारत सरकार की कोई भूमिका नहीं थी। दूतावास का क्षेत्र भारत के अधिकार क्षेत्र से बाहर है, इसलिए हस्तक्षेप संभव ही नहीं था। विपक्ष के बेतुके आरोपों ने राजनीतिक रंग दे दिया, जबकि सच्चाई यह है कि यह तालिबान की आंतरिक नीति (Taliban Women Restrictions) का प्रतिबिंब था।
घटना का पूरा विवरण: दूतावास में PC, केवल पुरुष पत्रकार
9 अक्टूबर 2025 को मुत्तकी के भारत दौरे के दौरान अफगान दूतावास ने प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई, जिसमें मुंबई के अफगान कांसुल जनरल ने करीब 20 पुरुष पत्रकारों को आमंत्रित किया। तालिबान अधिकारियों ने ही लिस्ट तैयार की, और महिला पत्रकारों को प्रवेश न देने का फैसला लिया। कई महिला पत्रकारों ने सोशल मीडिया पर शेयर किया कि उन्हें गेट पर रोका गया। यह अफगानिस्तान में तालिबान शासन के बाद महिलाओं पर लगे प्रतिबंधों जैसे स्कूल जाना, सार्वजनिक बोलना, चेहरा दिखाना और खेलों में भाग लेना का विस्तार लगता है। मुत्तकी ने विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar Meeting) से द्विपक्षीय वार्ता की, लेकिन कोई जॉइंट PC नहीं हुई।
कांग्रेस का हमला: प्रियंका-चिदंबरम ने PM पर साधा निशाना
कांग्रेस ने इस घटना को राजनीतिक हथियार बनाया। सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi X Post) ने X पर लिखा, “भारत में महिलाओं का अपमान कैसे होने दिया गया? महिलाएं देश की रीढ़ हैं।” पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम (P Chidambaram Statement) ने कहा, “महिला पत्रकारों को बाहर रखना आश्चर्यजनक है। पुरुष पत्रकारों को बाहर आ जाना चाहिए था।” कांग्रेस ने इसे “महिलाओं के अधिकारों पर हमला” बताकर PM मोदी पर निशाना साधा, लेकिन MEA ने इसे बेतुका बताया।
भारत सरकार की कोई गलती नहीं: MEA का स्पष्टीकरण
विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि प्रेस कॉन्फ्रेंस अफगान दूतावास (Afghan Embassy Event) द्वारा आयोजित थी, जो अफगान सरकार का आंतरिक मामला था। दूतावास का क्षेत्र भारत के अधिकार क्षेत्र से बाहर (Diplomatic Immunity Embassy) है, इसलिए सरकार हस्तक्षेप नहीं कर सकती। MEA ने कहा, “हमारा कोई रोल नहीं था, न ही पत्रकारों का चयन हमने किया। यह अफगानिस्तान सरकार का फैसला था।” यह स्पष्टीकरण विपक्ष के आरोपों को खारिज करता है, जो बिना तथ्य के PM पर हमला कर रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि दूतावासों में ऐसी स्वायत्तता अंतरराष्ट्रीय कानून (International Diplomatic Law) का हिस्सा है।
यह घटना तालिबान के महिलाओं पर लगे प्रतिबंधों (Taliban Women Bans) का आईना है, जहां अफगानिस्तान में महिलाओं को सार्वजनिक स्थानों पर सीमित किया गया है। मुत्तकी का दौरा भारत-अफगान संबंधों (India-Afghanistan Relations) को मजबूत करने का प्रयास था, लेकिन PC ने विवाद खड़ा कर दिया। क्या कांग्रेस का हमला सिर्फ राजनीतिक है, या महिलाओं के अधिकारों पर सवाल वाजिब? MEA का स्टैंड साफ है – कोई हस्तक्षेप संभव नहीं।