Site icon SHABD SANCHI

Maharashtra Politics: आदित्य ठाकरे का सरकार पर हमला बोले, कैबिनेट बैठक का बायकॉट करना महाराष्ट्र की बेइज्जती

Maharashtra Politics : शिवसेना यूबीटी नेता आदित्य ठाकरे ने महाराष्ट्र में महायुति गठबंधन के भीतर चल रहे राजनीतिक घमासान की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि मंत्रियों द्वारा कैबिनेट बैठक का बहिष्कार करना महाराष्ट्र की जनता का अपमान है। उन्होंने कहा, “मुझे आज पता चला कि मंत्रियों ने कैबिनेट बैठक का बहिष्कार किया है। वे नाराज़ होने के कारण बैठक में शामिल नहीं हुए।” आदित्य ठाकरे ने अपने एक्स हैंडल पर यह बात लिखी।

कैबिनेट बैठक का बहिष्कार करने वाले मंत्री नाराज़।

आदित्य ठाकरे ने कहा कि कैबिनेट बैठक का बहिष्कार करने वाले मंत्री मुख्यमंत्री और भाजपा से बेहद नाराज़ हैं। यह नाराज़गी चुनावों में सीटों के बंटवारे को लेकर है और माना जा रहा है कि वे अपनी पार्टी को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। आदित्य ठाकरे ने कहा कि निजी फायदे के लिए कैबिनेट बैठकों का बहिष्कार करना महाराष्ट्र और उसकी जनता का अपमान है। क्योंकि कैबिनेट बैठकें लोगों के मुद्दों को सुलझाने के लिए होती हैं, न कि आपके छोटे-मोटे झगड़ों को निपटाने के लिए। उन्होंने व्यंग्यात्मक लहजे में पूछा, “यह कैसा नियम है? यह महाराष्ट्र के लिए चिंता का विषय है।”

गठबंधन की एकता पर सवाल। Maharashtra Politics

गौरतलब है कि महाराष्ट्र में आज मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में शिंदे गुट के मंत्री अनुपस्थित रहे, जिससे गठबंधन की एकजुटता पर सवाल उठ रहे हैं। कलह की खबरों के बीच, कैबिनेट बैठक में केवल उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और संजय शिरसाट ही मौजूद थे। शिवसेना के मंत्री मंत्रालय तो पहुँचे, लेकिन कैबिनेट बैठक में शामिल नहीं हुए।

देवेंद्र फडणवीस ने क्या कहा? Maharashtra Politics

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी शिवसेना मंत्रियों की नाराजगी को लेकर एक बयान जारी किया है। उन्होंने कहा, “आज की बैठक में सभी शिवसेना मंत्री नहीं, बल्कि कुछ मौजूद थे।” बाद में, शिवसेना के मंत्रियों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की। उन्होंने डोंबिवली में प्रवेश को लेकर अपनी नाराजगी व्यक्त की। खबरों के अनुसार, स्थानीय निकाय चुनावों की राजनीति और दबाव की रणनीति के कारण शिवसेना के मंत्री नाराज़ हैं। अगर यह नाराजगी बनी रही और इस मुद्दे को सुलझाने के प्रयास नहीं किए गए, तो ये मतभेद भविष्य में महायुति के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकते हैं।

Exit mobile version