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आदेश श्रीवास्तव का दिलनशीं अंदाज़

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Aadesh Srivastava Birth Anniversary :वो संगीत के ऐसे ज्ञाता थे जो न केवल धुनों को रचते थे बल्कि गीतों को गाते भी ऐसे थे कि हम जैसे संगीत प्रेमी उनके अंदाज़ के कायल हो गए और सदा रहेंगे ,
जी हां हम बात कर रहे हैं आदेश श्रीवास्तव जी की जिनके कुछ गानों, जैसे- फिल्म “बाग़वान”का ‘चली चली फिर हवा चली …’ और “राजनीति”का ‘मोरा पिया मोसे बोलत नाहीं …’ने तो हमारा मन ऐसे मोह लिया कि हम सोच भी नहीं सकते कि वो अब हमारे साथ इस दुनिया में नहीं हैं और उनके गीत संगीत का ये सुरीला कारवां इतनी जल्दी थम जाएगा पर वो अपने इस हुनर की बदौलत हम सबको ऐसा दिलकश तोहफा देके गए हैं कि अपने चाहने वालों के दिलों में वो हमेशा जावेदाँ रहेंगे।

कई संगीतकारों के लिए ड्रम भी बजाया :-

4 सितंबर 1964 को जन्में आदेश श्रीवास्तव कैंसर का शिकार हो गए थे और अपनी ज़िंदगी के 51 बरस पूरे करके 5 सितंबर 2015 को इस फानी दुनिया को अलविदा कह गए ,इतने कम वक्त में भी उन्होंने क़रीब 100 फिल्मों को अपनी आवाज़ और संगीत से संवारा।
बतौर संगीत निर्देशक शुरुआत करने से पहले आपने आरडी बर्मन , राजेश रोशन सहित कई संगीतकारों के लिए ड्रमर के रूप में काम किया और फिल्म जगत के संगीत को भी समझा ।

1993 में फिल्म “कन्यादान” से मिला पहला ब्रेक :-

कटनी के एक हिंदू कायस्थ परिवार से ताल्लुक रखने वाले आदेश श्रीवास्तव को पहला बड़ा ब्रेक 1993 में फिल्म “कन्यादान” से मिला इस फिल्म में आपके संगीत निर्देशन में बना पहला गाना – ‘ओह सजना दिलबर..’, उदित नारायण के साथ लता मंगेशकर ने गाया था जो उस वक्त रेडियो पर बहोत लोकप्रिय हुआ इसके बाद आपने धुन तैयार की ,’ जाने तमन्ना…’ गीत की जिसने ज़्यादा कमाल नहीं किया तो वो थोड़ा ठहर गए फिर उन्होंने “आओ प्यार करें “से वापसी की जिसका एक गीत ‘हाथों में आ गया जो कल…’ सुपर हिट हुआ इसके बाद कुछ और फिल्में “सलमा पे दिल आ गया “और “शास्त्र” आईं जिसमें फिल्म “शास्त्र’ के गाने ‘क्या अदा क्या जलवे तेरे पारो..’ ने उन्हें एक बार फिर सुर्खियों में ला दिया और आप यूं हरदिल अज़ीज़ हुए कि ,
‘सोना सोना..’, ‘शावा शावा…’, ‘गुस्ताखियां…’ और ‘गुड़ नालों इश्क मीठा …’जैसे कई हिट गाने आपकी पहचान बन गए उन्होंने वर्ष 2000 में “कुंवारा” , “तरकीब “और “शिकारी ” के साथ,
2001 की फिल्म “बस इतना सा ख्वाब है “में अपने काम के लिए भी खूब तारीफें बटोरी ।

निर्देशन के साथ और भी महत्वपूर्ण काम किए :-

2005 में, वो टेलीविजन पर प्रसारित होने वाले टैलेंट हंट शो में बतौर जज भी नज़र आए, 2006 में यानी अगले साल ही , उन्होंने बाल वेश्यावृत्ति पर बनी लघु फिल्म , “सना “के साथ निर्देशन की ओर रुख किया ।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी वो शकीरा, डोमिनिक मिलर और टी पैन जैसे नए कलाकारों से जुड़ते रहे और
एक वेबसाइट भी शुरू की जो नए गानों की हिट लिस्ट तैयार करती , ‘भारत व्यापी प्रतिभा खोज’ के नाम से उन कलाकारों के संगीत की लोकप्रियता का अंदाज़ा लगाती जो नए होने के बावजूद उम्दा संगीत पेश करते।

आदेश जी का परिवार :-

आदेश जी ने 1990 में संगीतकार जोड़ी जतिन और ललित और अभिनेत्री सुलक्ष्णा पंडित की बहन ,अभिनेत्री विजयता पंडित से शादी की थी उनके दो बेटे हैं, अनिवेश और अवितेश।
आप उनके संगीत की उड़ान को महसूस करना चाहते हैं तो उनके संगीत से सजे गीतों को गौ़र से सुनिए ,
जिनमें हमारी आपकी पसंद के कई गीत शामिल हैं ।

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