Actor Dharmendra Fake Death : फिल्म शोले के जय और वीरू की जोड़ी क्या टूट गई? 89 साल की उम्र में वीरू यानी बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र का मंगलवार की तड़के सुबह निधन हो गया। सोशल मीडिया पर ये खबर फैलते ही फिल्म जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। आप भी शायद यही सोच रहे होंगे, लेकिन ऐसा नहीं है। हेमा मालिनी की फैमिली ने खुद सामने आकर इस झूठी खबर का खुलासा किया है और उनकी पत्नी हेमा मालिनी अफवाह फैलाने वालों पर जमकर भड़की हैं।
उन्होंने ट्वीट कर लिखा, “जो हो रहा है, वो अक्षम्य है! जिम्मेदार चैनल ऐसे झूठी खबरें कैसे फैला सकते हैं। इन सब चीजों का ट्रीटमेंट पर असर पड़ रहा है। यह बेहद अपमानजनक और गैरजिम्मेदाराना है। कृपया परिवार और उनकी निजता का ख्याल करें।”
धर्मेंद्र की बड़ी बेटी ईशा देओल ने भी कहा, “पापा अभी जिंदा हैं और ठीक हो रहे हैं।” बता दें कि धर्मेंद्र अभी अस्पताल में भर्ती हैं, और उनकी हालत काफी क्रिटिकल बताई जा रही है।
फिल्मफेयर टैलेंट हंट से शुरू हुआ धर्मेंद्र का करियर
अभिनेता धर्मेंद्र को फिल्मों में आने की ललक फिल्मफेयर टैलेंट हंट से हुई। इसके बाद उन्होंने फिल्मी करियर की एक लंबी उड़ान भरी। धर्मेंद्र ने छह दशक से भी अधिक समय तक बॉलीवुड पर राज किया। अपनी सादगी, मेहनत और अभिनय के दम पर धर्मेंद्र ने बड़ा मुकाम हासिल किया, जहां पहुंचना किसी सपने से कम नहीं था। उनका जाना भारतीय सिनेमा के इतिहास में एक बड़ा नुकसान है और उनके योगदान को सदैव याद किया जाएगा। धर्मेंद्र के निधन से देओल परिवार के साथ-साथ बॉलीवुड की हस्तियां भी सदमे में हैं।
धर्मेंद्र का असली नाम केवलकृष्ण देओल
अभिनेता धर्मेंद्र का जन्म 8 दिसंबर 1935 को पंजाब के लुधियाना जिले के सहनेवाल गांव में हुआ था। उनका असली नाम केवलकृष्ण देओल था। वे एक सामान्य परिवार से थे, जहां जीवन के कठिनाइयों का सामना करना उनकी रूटीन बात थी। बचपन से ही फिल्मों का शौक था, लेकिन उस दौर में मनोरंजन की दुनिया में कदम रखना आसान नहीं था। उनके पिता एक किसान थे, और परिवार की आर्थिक स्थिति सामान्य थी। लेकिन धर्मेंद्र का सपना बड़ा था, और उन्होंने अपने सपनों को पूरा करने का मन बना लिया।
गरीब परिवार से हैं धर्मेंद्र
मूल रूप से एक मेहनती और संघर्षशील इंसान, धर्मेंद्र ने अपने जीवन में कई उतार-चढ़ाव देखे। उन्होंने अपने शुरुआती दिनों में छोटे-मोटे काम किए, ताकि अपने परिवार का पालन-पोषण कर सकें। 1958 में जब उन्होंने “फिल्मफेयर टैलेंट हंट” प्रतियोगिता जीती, तो उनके जीवन में एक नई उम्मीद जगी। इस जीत के बाद ही वे मुंबई के लिए रवाना हुए, जहां उन्होंने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की। मुंबई पहुंचकर धर्मेंद्र ने संघर्ष किया। शुरुआत में उन्हें छोटे-मोटे रोल मिले, लेकिन उनकी मेहनत और लगन ने उन्हें जल्द ही पहचान दिलाई। शुरुआती वर्षों में उन्होंने कई छोटी-छोटी फिल्मों में काम किया। उनका पहला बड़ा ब्रेक 1960 में आई फिल्म “दिल भी तेरा हम भी तेरे” से हुआ। इस फिल्म के बाद उन्होंने अपने अभिनय की प्रतिभा का परिचय देना शुरू किया।
धर्मेंद्र को ‘फूल और पत्थर’ से मिली
साल 1966 में आई फिल्म “फूल और पत्थर” से उन्हें असली सफलता मिली, जिसने उन्हें “ही-मैन ऑफ बॉलीवुड” का खिताब दिलाया। फिल्म “शोले” में वीरू का उनका किरदार आज भी लोगों के दिलों में जिंदा है। इस फिल्म ने भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में दर्शकों का दिल जीता। यह किरदार उनके करियर का टर्निंग पॉइंट साबित हुआ। इसके बाद उन्होंने “चुपके चुपके”, “सीता और गीता”, “यादों की बारात”, “धरम वीर” जैसी हिट फिल्में दीं, जो उन्हें बॉलीवुड के सबसे बड़े स्टारों में शामिल कर गईं। धर्मेंद्र सिर्फ एक अभिनेता नहीं, बल्कि एक भावना थे। उनकी सादगी, विनम्रता और जीवन के सरल स्वभाव ने उन्हें आम लोगों का चहेता बना दिया।
वह एक किसान का बेटा थे, जिन्होंने अपने जीवन में संघर्ष किया और सफलता की सीढ़ी चढ़ी। उनके जीवन से यह सीख मिलती है कि कड़ी मेहनत और ईमानदारी से कोई भी मंजिल हासिल की जा सकती है। साल 2012 में उन्हें पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया, जो उनके योगदान को सम्मानित करने का एक बड़ा प्रतीक है। उनके जीवन का अनुभव और संघर्ष की कहानी नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
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