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पशु पालकों के लिए बहुत लाभकारी है आचार्य विद्यासागर गौ संवर्धन योजना, जाने डीटेल…

रीवा। पशुपालन विभाग द्वारा दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए आचार्य विद्यासागर गौ संवर्धन योजना लागू की गई है। इस योजना में 75 प्रतिशत राशि बैंक ऋण के माध्यम से दी जाती है। शेष 25 प्रतिशत राशि हितग्राही को अंशदान के रूप में देनी होती है। योजना में 7 वर्षों तक 5 प्रतिशत ब्याज की प्रतिपूर्ति अनुदान का भी लाभ दिया जाता है।

इन्हे मिलेगा लाभ

आचार्य विद्यासागर गौ संवर्धन योजना के संबंध में उप संचालक डॉ राजेश मिश्रा ने बताया कि योजना के लिए पशुपालक के पास कम से कम 5 पशु और एक एकड़ कृषि भूमि होना आवश्यक है। पशुओं की संख्या में वृद्धि होने पर उसी के अनुपात में कृषि भूमि का निर्धारण किया जाता है। योजना की एक इकाई में 5 भैंस होने पर 4 लाख 25 हजार रुपए तथा 5 शंकर नस्ल की गाय होने पर 3 लाख 82 हजार रुपए एवं देशी गाय होने पर 2 लाख 43 हजार 750 रुपए इकाई लागत निर्धारित की गई है। 10 दुधारू पशुओं के होने पर 10 भैंसों में 8 लाख 40 हजार, शंकर गाय के लिए 7 लाख 51 हजार रुपए तथा 10 देशी गाय के लिए 4 लाख 75 हजार रुपए इकाई लागत निर्धारित की गई है।

इस योजना में सामान्य वर्ग के पशुपालक को परियोजना लागत का 25 प्रतिशत अधिकतम एक लाख 25 हजार रुपए मार्जिन मनी सहायता के रूप में दिया जाता है। अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के हितग्राही को परियोजना लागत का 33 प्रतिशत अधिकतम 2 लाख रुपए मार्जिन मनी के रूप में दिया जाता है। पशुपालन विभाग के माध्यम से प्रकरण बैंकों में भेजे जाते हैं। बैंक से प्रकरण स्वीकृत होने के बाद हितग्राही को इकाई लागत की राशि प्रदान की जाती है। इस योजना में इकाई लागत की 75 प्रतिशत राशि पर बैंक की कुल ऋण राशि में 5 प्रतिशत वार्षिक ब्याज अनुदान दिया जाता है। इसकी राशि अधिकतम 25 हजार रुपए प्रतिवर्ष निर्धारित है। जिले में कई पशुपालक इस योजना से सफलतापूर्वक डेयरी इकाई संचालित कर रहे हैं।

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