Bageshwar Dham incident: मंगलवार तड़के (8 जुलाई 2025) छतरपुर जिले के प्रसिद्ध तीर्थस्थल बागेश्वर धाम के निकट गढ़ा गांव में एक धर्मशाला की दीवार ढहने से दुखद हादसा हुआ। इस घटना में उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले के अदलाहट गांव निवासी 40 वर्षीय अनीता देवी, पत्नी राजू, की मलबे में दबने से मौके पर ही मौत हो गई। हादसे में 11 अन्य श्रद्धालु घायल हुए, जिनमें चार की हालत गंभीर है।
घायलों को छतरपुर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां से चार लोगों को गंभीर हालत में ग्वालियर रेफर किया गया है।पुलिस स्टेशन के प्रभारी आशुतोष श्रीवास्तव ने बताया कि यह हादसा सुबह करीब 3:30 बजे हुआ, जब भारी बारिश और आकाशीय बिजली गिरने के कारण शर्मा ढाबे के पास स्थित धर्मशाला की दीवार कमजोर होकर ढह गई। उस समय धर्मशाला में उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों से आए श्रद्धालु सो रहे थे। अचानक दीवार गिरने से मलबे में कई लोग दब गए, जिससे अफरा-तफरी मच गई।
स्थानीय पुलिस और प्रशासन की टीम ने तुरंत मौके पर पहुंचकर राहत और बचाव कार्य शुरू किया। मलबे से निकाले गए घायलों को तत्काल अस्पताल पहुंचाया गया। छतरपुर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) डॉ. आरपी गुप्ता ने बताया, “हमें अस्पताल में एक शव और 11 घायल लोग लाए गए।
चार लोगों की हालत गंभीर होने के कारण उन्हें ग्वालियर रेफर किया गया है, जबकि बाकी सात लोगों का इलाज जिला अस्पताल में चल रहा है। घायलों की स्थिति फिलहाल स्थिर है।” मृतका अनीता देवी सोमवार को बागेश्वर धाम में पूजा-अर्चना करने पहुंची थीं और धर्मशाला में रुकी थीं। उनके परिजनों ने बताया कि वे परिवार के साथ दर्शन के लिए आए थे और रात में सो रहे थे जब यह हादसा हुआ। पांच दिनों में दूसरा हादसायह बागेश्वर धाम में पांच दिनों के भीतर दूसरा बड़ा हादसा है।
इससे पहले 3 जुलाई को भारी बारिश और तेज हवाओं के कारण धाम परिसर में एक टिन शेड गिर गया था, जिसमें उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले के चौरी सिकंदरपुर गांव निवासी 50 वर्षीय श्यामलाल कौशल की मौत हो गई थी और आठ अन्य लोग घायल हुए थे। उस हादसे में लोहे का एंगल श्यामलाल के सिर पर गिरा था, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई थी। दोनों हादसे बागेश्वर धाम में चल रहे 12 दिवसीय ‘बालाजी दिव्य दरबार’ और पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के जन्मदिन (4 जुलाई) समारोह के दौरान हुए, जिसमें देश भर से लाखों श्रद्धालु पहुंचे थे।
भारी बारिश का प्रभावमौसम विभाग के अनुसार, मध्य प्रदेश में सक्रिय मानसूनी तंत्र और चक्रवातीय परिसंचरण के कारण पिछले कुछ दिनों से भारी बारिश हो रही है। छतरपुर जिले में भी लगातार बारिश के कारण कई जगह जलभराव और बाढ़ जैसे हालात हैं। इस बारिश ने धाम के आसपास की अस्थायी संरचनाओं और पुरानी इमारतों को कमजोर कर दिया, जिससे हादसों का खतरा बढ़ गया।
विशेषज्ञों का मानना है कि धर्मशाला की दीवार पुरानी थी और भारी बारिश के दबाव को सहन नहीं कर पाई। धीरेंद्र शास्त्री की अपीलबागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने हादसे के बाद श्रद्धालुओं से भावुक अपील की है। उन्होंने कहा, “लगातार बारिश और भारी भीड़ के कारण व्यवस्थाएं प्रभावित हो रही हैं। हम नहीं चाहते कि किसी श्रद्धालु की जान को खतरा हो या उनकी आस्था को ठेस पहुंचे। मैं सभी भक्तों से अनुरोध करता हूं कि इस बार गुरु पूर्णिमा (10 जुलाई) का पर्व अपने घरों में ही मनाएं।” उन्होंने यह भी बताया कि उनकी टीम धाम की व्यवस्थाओं को सुधारने में जुटी है, लेकिन सुरक्षा उनकी पहली प्राथमिकता है।
सुरक्षा व्यवस्थाओं पर सवाल
दो हादसों ने बागेश्वर धाम की सुरक्षा व्यवस्थाओं पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोग और श्रद्धालु प्रशासन और धाम प्रबंधन से नाराज हैं। एक श्रद्धालु ने कहा, “यहां हर साल लाखों लोग आते हैं, लेकिन अस्थायी ढांचों और पुरानी इमारतों की जांच नहीं की जाती। प्रशासन को भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा मानकों पर ध्यान देना चाहिए।” कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर भी अपनी नाराजगी जाहिर की है, जिसमें धाम प्रबंधन और स्थानीय प्रशासन की लापरवाही को हादसों का कारण बताया जा रहा है।प्रशासन की कार्रवाईछतरपुर प्रशासन ने हादसे की जांच शुरू कर दी है। पुलिस दीवार ढहने के कारणों की तहकीकात कर रही है और ढाबा मालिक से पूछताछ की जा रही है।
प्रशासनिक अधिकारियों ने मृतका के परिजनों को मुआवजे का आश्वासन दिया है। छतरपुर के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने घटनास्थल का दौरा किया और सुरक्षा व्यवस्थाओं की समीक्षा के आदेश दिए हैं। प्रारंभिक जांच में पुरानी संरचना और भारी बारिश को हादसे का प्रमुख कारण माना जा रहा है। प्रशासन ने धाम में अस्थायी संरचनाओं की जांच और भीड़ प्रबंधन के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात करने का निर्णय लिया है।
गुरु पूर्णिमा और भीड़ की चुनौती
10 जुलाई को गुरु पूर्णिमा के अवसर पर बागेश्वर धाम में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ने की संभावना है। धीरेंद्र शास्त्री के प्रवचनों और दिव्य दरबार के लिए देश-विदेश से लाखों लोग धाम पहुंचते हैं। लेकिन भारी बारिश और हाल के हादसों ने व्यवस्थाओं को चुनौतीपूर्ण बना दिया है। धाम प्रबंधन ने अतिरिक्त टेंट और अस्थायी शेड लगाए हैं, लेकिन बारिश के कारण इनकी स्थिरता पर भी सवाल उठ रहे हैं।