Abbas Ansari News : माफिया मुख़्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी को हेट स्पीच मामले में शनिवार को मऊ कोर्ट ने दो साल की सजा सुनाई। कोर्ट के सजा सुनाने के बाद रविवार को अब्बास अंसारी की विधायकी भी रद्द हो गई। इसके बाद अब्बास अंसारी की विधानसभा सभा सीट को रिक्त घोषित कर दिया गया है। हैरानी की बात ये है कि रविवार को सार्वजनिक अवकाश होने के बाद भी विशेष रूप से कार्यालय खोला गया और अब्बास अंसारी की विधायकी रद्द करने की कार्रवाई कर चुनाव आयोग को पत्र भेज दिया गया।
अब्बास अंसारी की विधायकी खत्म
शनिवार को मऊ कोर्ट ने मुख़्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी को हेट स्पीच मामले में सजा सुनाई। कोर्ट ने अब्बास अंसारी को दो साल का कारावास की सजा दी। अब्बास अंसारी को कोर्ट से सजा मिलने के बाद ही उसकी विधायकी भी रद्द कर दी गई। विधानसभा के प्रमुख सचिव प्रदीप दुबे ने मऊ विधानसभा सीट को रिक्त घोषित करते हुए चुनाव आयोग को सूचित कर दिया। अब जल्द ही चुनाव आयोग इस सीट को भरने के लिए उप चुनाव की तारीख का एलान करेगा।
रविवार को क्यों खोला गया कार्यालय?
बता दें कि हेट स्पीच मामले में दोषी सिद्ध हुए अब्बास अंसारी को जैसे ही कोर्ट ने सजा सुनाई अगले दिन रविवार को सार्वजनिक अवकाश होने के बावजूद विशेष रूप से कार्यालय खोला गया। आमतौर पर रविवार को कार्यालय बंद रहता है और सभी सरकारी काम अगले दिन ही होते हैं। लेकिन आज रविवार को कार्यालय खोलकर अब्बास अंसारी के खिलाफ मऊ सचिवालय ने कार्रवाई की और उसकी विधायकी रद्द कर चुनाव आयोग को पत्र भेज दिया।
अब्बास अंसारी का गनर वापस लिया गया
सजा होने के बाद ही अब्बास अंसारी की विधानसभा की सदस्यता समाप्त हो गई। जिसके बाद अब्बास अंसारी की सुरक्षा भी वापस ले ली गई है। जबकि सजा के एलान के तुरंत बाद ही अब्बास अंसारी के गनर को वापस ले लिया गया।
क्या है Hate Speech का मामला?
कल, अब्बास अंसारी को मऊ कोर्ट ने जिस हेट स्पीच मामले में सजा सुनाई, वह साल 2022 के विधानसभा चुनाव का है। अब्बास अंसारी ने चुनाव प्रचार के दौरान एक रैली ने अधिकारी के लिए हेट स्पीच दी थी। अब्बास अंसारी ने कहा था, “सपा मुखिया अखिलेश यादव से कहकर आया हूं, सरकार बनने के बाद 6 महीने तक किसी की ट्रांसफर-पोस्टिंग नहीं होगी। जो जहां है, वहीं रहेगा। पहले हिसाब-किताब होगा, फिर ट्रांसफर होगा।” अब्बास अंसारी के इस बयान के बाद मऊ कोतवाली में सब इंस्पेक्टर गंगाराम बिंद ने एफआईआर दर्ज कराई थी। कोर्ट में इस मामले में 3 साल तक सुनवाई चली। आज इस मामले में फैसला आया है।
कब होगा मऊ सीट के लिए उपचुनाव?
रविवार को भारत निर्वाचन आयोग ने मऊ विधानसभा सीट को रिक्त घोषित कर दिया। चुनाव आयोग द्वारा नियमानुसार रिक्त मऊ सीट को भरने के लिए छह माह के भीतर उपचुनाव कराया जाएगा।
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