Aayushi Verma of Rewa became the first woman lieutenant of Vindhya: मध्य प्रदेश के रीवा जिले की होनहार बेटी आयुषी वर्मा ने भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बनकर न केवल रीवा बल्कि पूरे विंध्य क्षेत्र का नाम रोशन किया है। आयुषी ने प्रतिष्ठित संयुक्त रक्षा सेवा (CDS) परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक (AIR) 24 हासिल की और टेक्निकल शाखा में देश भर में प्रथम स्थान (AIR 1) प्राप्त किया। यह उपलब्धि उनके लिए और पूरे क्षेत्र के लिए गर्व का विषय है।
शिक्षा और पारिवारिक पृष्ठभूमि
आयुषी की प्रारंभिक शिक्षा रीवा के सैक्रेड हार्ट कॉन्वेंट स्कूल से हुई, जहां उनके पिता एक शिक्षक और कराटे प्रशिक्षक हैं। बचपन से ही अनुशासित और मेहनती आयुषी ने 12वीं कक्षा के दौरान ही सेना में शामिल होकर देश सेवा का संकल्प लिया था। उन्होंने इंदौर के इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (DAV) से सिविल इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की।
प्रेरणा और रोल मॉडल
आयुषी ने बताया कि उनकी प्रेरणा रीवा की ही स्क्वाड्रन लीडर अवनी चतुर्वेदी हैं, जो भारत की पहली महिला फाइटर पायलट बनीं। अवनी की तरह देश सेवा का सपना देखने वाली आयुषी ने कड़ी मेहनत और अनुशासन के साथ अपने लक्ष्य को हासिल किया। उनके बड़े भाई, जो स्वयं SSB कैंडिडेट रहे लेकिन मेडिकल कारणों से सेना में शामिल नहीं हो सके। भाई ने उनकी तैयारी में महत्वपूर्ण सहयोग दिया।

CDS की तैयारी
आयुषी ने CDS की तैयारी के लिए NCERT की किताबें, पिछले वर्षों के प्रश्नपत्र, और यूट्यूब जैसे ऑनलाइन संसाधनों का उपयोग किया। उन्होंने अपने कमजोर विषयों जैसे इतिहास और अर्थशास्त्र पर विशेष ध्यान दिया और मॉक टेस्ट के जरिए परीक्षा पैटर्न को समझा। आयुषी ने कहा, “अगर लक्ष्य स्पष्ट हो और मेहनत ईमानदारी से की जाए, तो कोई भी मंजिल असंभव नहीं है।
परिवार और शिक्षकों का सहयोग
आयुषी के पिता ने बताया कि दोनों बच्चों से उन्हें सेना में जाने की उम्मीद थी, और बेटी ने उनके सपने को साकार किया। उन्होंने कहा, “यह गर्व का क्षण है कि हमारी बेटी लेफ्टिनेंट बनकर देश की सेवा करेगी।” आयुषी ने अपने माता-पिता और शिक्षकों के समर्थन को अपनी सफलता का आधार बताया। आयुषी की इस ऐतिहासिक उपलब्धि से रीवा और विंध्य क्षेत्र में खुशी की लहर दौड़ गई है।