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AAP Win in Jammu and Kashmir: कश्मीर में AAP का खाता खोलने वाले मेहराज मलिक कौन हैं ?

Jammu and Kashmir:जम्मू कश्मीर के डोडा विधानसभा सीट पर आम आदमी पार्टी के मेहराज मालिक ने 4 हजार से ज्यादा वोटों से जीत दर्ज की है. आपको बता दे कि उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के गजय सिंह राणा को शिकस्त दी है. उनकी जीत पर दिल्ली तक जश्न का माहौल है. दिल्ली के पूर्व CM अरविंद केजरीवाल ने मेहराज मलिक को बधाई दी है.

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AAP Makes Historic Win in Jammu and Kashmir: आपको बताते चले कि जम्मू -कश्मीर की 90 सीटों पर वोटों की गिनती जारी है। साथ ही हालांकि, मतों की गणना के बीच आम आदमी पार्टी के बड़ी खबर निकलकर आई है.

पार्टी ने घाटी में खाता खोल दिया है. सूबे के डोडा विधानसभा सीट से आम आदमी पार्टी के उम्मदीवार रहे मेहराज मलिक ने जीत का परचम लहराया है. उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के गजय सिंह राणा को 4 हजार से ज्यादा वोटों के अंतर से मात दी है.

उनकी जीत के साथ ही आम आदमी पार्टी ने भी 5वें राज्य में जीत हासिल कर ली है. इससे पहले आम आदमी पार्टी ने दिल्ली, पंजाब, गुजरात और गोवा के विधानसभा चुनावों में कुछ सीटों पर जीत दर्ज कर चुकी है.

Mehraj Malik Wins Doda Assembly Seat: क्या बोले मेहराज मलिक ?

आपको बता दे कि जीत के बाद मेहराज मलिक ने कहा कि ये पहला पड़ाव अभी और आगे जाना है. उन्होंने कहा, ‘ये कमी रही कि जम्मू-कश्मीर में हम हर जगह चुनाव नहीं लड़ पाए. ये जीत आवाम की है. हम आवाम की लड़ाई लड़ने आए हैं. अब जम्मू-कश्मीर की विधानसभा होगी और मेहराज मलिक वहां दिखेगा.

ये काम करने का वक्त है. जो लगो करप्ट हैं, जो लूटने का काम करते हैं, जिनका धंधा चुनाव से चलता है, उन्हें बाज आना चाहिए. आज आवाम ने उन्हें आईना दिखाने का काम किया है.’

Who is Mehraj Malik: कौन है मेहराज मालिक ?

आपको बताते चले कि आम आदमी पार्टी के नेता मेहराज मलिक अब विधायक बन गए हैं. उन्होंने काफी समय से पार्टी का झंडा थामा हुआ था. अपने इलाके में उन्हें शुरू से समर्थन मिल रहा था. पार्टी ने उनके जनाधार को देखते हुए टिकट थमाया और पार्टी की उम्मीदों पर खड़ा उतरे. इससे पहले उन्होंने जम्मू-कश्मीर के जिला विकास परिषद के चुनाव में जीत हासिल की थी. उस समय भी उन्होंने आम आदमी पार्टी के बैनर तले ही चुनाव में जीत प्राप्त की थी. 36 साल के मेहराज ने पोस्ट ग्रेजुएशन किया है.

इसके साथ ही 2008 में उन्होंने राजनीति में आने का सोचा था. उन्होंने जब अपने गांव और आसपास के इलाकों में भ्रष्टाचार देखा तो उसे खत्म करने के लिए उन्हें सियासी रास्ता बेहतर लगा. इसके बाद उन्होंने मन बना लिया कि वो राजनीति में आएंगे. ये वो समय था जब उन्होंने कॉलेज की पढ़ाई पूरी की थी.

यह भी देखें :https://youtu.be/JO8Imur5yvw?si=m0Gg3RCMlvdihJez

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