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मछलियों के लिए आधार कार्ड! सरकार के मंत्री ने बताया पहचान का तरीका

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Aadhar Card for Fishes: योगी सरकार में मंत्री संजय निषाद ने बताया कि इंसानों की तरह मछलियों के आधार संबंधी जानकारी के लिए व्यवस्था की गई है. इसके कारण यह जानकारी मिल पाती है कि मछली किस नदी की है. मत्स्य पालन को बढ़ावा दिया जाए और नदियों के किनारे रहने वाले लोगों को रोजगार मिल सके, इसके लिए छोटी-छोटी समितियां बनाई गई हैं.

आधार कार्ड देश की जनता के लिए सरकार द्वारा जारी किया जाने वाला एक पहचान पत्र है. इसमें 12 अंकों की एक विशिष्ट संख्या होती है. लेकिन उत्तरप्रदेश में मछलियों की पहचान के लिए भी यह व्यवस्था की गई है. इसका दावा खुद यूपी के मत्स्य मंत्रालय के मंत्री संजय निषाद ने किया है.

यूपी के कानपुर में मंत्री संजय निषाद ने जानकारी दी कि अब मत्स्यकीय अनुसंधान लखनऊ में इंसानो की तरह मछलियों के आधार संबंधी जानकारी के लिए व्यवस्था की गई है. इसके जरिए यह जानकारी मिल पाएगी कि मछली किस नदी की है.

ऐसा करने वाला पहला राज्य यूपी

मंत्री संजय निषाद ने गंगा बैराज स्थित अटल घाट में एक लाख मछलियों के बच्चों को गंगा नदी में छोड़ा। उनसे सवाल किया गया कि मछलियों को और मत्स्य बढ़ावा देने के लिए सरकार लगातार काम कर रही है, लेकिन मछलियों का शिकार करने वाले भी लगातार सक्रिय हैं.

मंत्री ने कहा कि पूरे देश में पहली बार ऐसी व्यवस्था की गई है, जिसमें आधार कार्ड वाली मछलियां गंगा नदी में छोड़ी जा रही हैं. जैसा कि इंसानों का आधार कार्ड बनता है, वैसे ही मछलियों की पहचान के लिए ये काम किया गया है.

आगे उन्होंने कहा कि मत्स्य पालन को बढ़ावा दिया जाए जिससे नदियों के किनारे रहने वाले लोगों को रोजगार मिल सके। इसके लिए छोटी-छोटी समितियां बनाई गई हैं. माफिया राज को खत्म कर दिया गया है. जिस तरह से यह पहल शुरू की जा रही है, आने वाले समय में उससे मंत्रालय को बड़ा फायदा होगा। लाखों लोगों को रोजगार मिल सकेगा।

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