एमपी के सतना जिले में मौजूद है रावण की प्रतिमा और उनके वंशज, धूमधाम से होती पूजा, ऐसा है किस्सा

MP Mei Ravan Ki Pooja Kahan Hoti Hai। विजया दशमी तिथी पर यू तो देश भर में राम की पूजा की जाती और रावण के पुतलों का दहन किया जाता है, जबकि मध्यप्रदेश के सतना जिले के कोठी गांव में इसके उल्ट ही कुछ नजारा दशहरा को देखा जाता है। यहां रावण की पूजा की जाती है. यहां पुतले की नहीं बल्कि प्रतिमा की पूजा होती है. बताया जाता है कि यह प्रतिमा ढाई सौ वर्ष से भी ज्यादा पुरानी है।

दसानन स्वरूप में है प्रतिमा

कोठी कस्बा स्थित थाना परिसर में मौजूद रावण की 10 सिरवाले प्रतिमा है। कोठी के रहने वाले मिश्रा परिवार के लोग अपने आप को रावण का वंशज बताते हैं. वे पिछले 40 साल से बड़े धूमधाम से विजयादशमी के दिन रावण की पूजा करते चले आ रहे हैं। उनका कहना है कि पांच पीढ़ियों से हम रावण की पूजा कर रहे हैं. वे बताते हैं कि यहां रावण की प्रतिमा 260 साल से अधिक पुरानी है।

गोत्र से जुड़ा है रिश्ता

मिश्रा परिवार के लोग बताते है कि वे गौतम ऋषि के शिष्य माने जाते हैं और गौतम ही उनका गोत्र है. रावण भी गौतम गोत्र से हैं, इसी वजह से वे रावण के वंशज के रूप में उनकी पूजा करते चले आ रहे हैं। 40 साल से ढोल-नगाड़े के साथ घर से पूजा की थाली लेकर निकलते हैं और कोठी थाने के अंदर स्थापित रावण की प्रतिमा के पास पहुंचकर उनको जल से स्नान कराकर जनेऊ, चंदन, दीपक और अगरबत्ती जलाकर बड़े धूमधाम से उनकी पूजा-अर्चना कर प्रसाद वितरण करते हुए अपने घर लौट जाते हैं।

फनफना कर निकल पड़े थे नागदेव

मिश्रा परिवार के लोगो का कहना है कि उक्त स्थान पर नवीन थाना भवन का निर्माण किया जा रहा था। इसके लिए रावण की प्रतिमा पर जैसे ही जेसीबी का पंजा रखा गया, वहा से नागदेवता निकल कर खड़े हो गए, जिसके चलते भगदड़ मच गई और जेसीबी को न सिर्फ पीछे किया गया बल्कि मंदिर के पीछे थाना भवन का निर्माण किया गया था।

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