गर्मियों में हरे कच्चे आम यानी कैरी की भरपूर उपलब्धता होती है। यह केवल स्वाद में खट्टेपन के लिए नहीं, बल्कि शरीर को ठंडक देने, पाचन शक्ति सुधारने और लू से बचाने के लिए भी जाना जाता है। भारतीय रसोई में कैरी से बनने वाला अचार ना केवल भोजन के स्वाद को दोगुना करता है, बल्कि लंबे समय तक स्टोर होकर हर मौसम में परंपरा और स्वाद की याद दिलाता है। पेश है एक आसान और पारंपरिक विधि से बना कैरी का अचार, जो स्वाद के साथ सेहत का भी ख्याल रखता है। आइए इस लेख के माध्यम से बताने का प्रयास किया है कि इस झटपट और आसान तरीके से कैसे बनाते हैं, लेकिन पहले जानें कि आम की हरी-भरी कैरी की खासियत क्या है।
कच्चे हरे आम (कैरी) की विशेषता
- कच्चे आम में विटामिन C और एंटीऑक्सीडेंट भरपूर होते हैं।
- यह शरीर में इलेक्ट्रोलाइट बैलेंस बनाए रखते हैं और गर्मी में लू से बचाते हैं।
- इसका खट्टा स्वाद पाचन रसों का स्राव बढ़ाकर भूख बढ़ाता है।
- यह डिहाइड्रेशन से लड़ने में मदद करता है।
पारंपरिक हरे आम की कैरी का अचार बनाने की सामग्री
- कच्ची कैरी – 1 किलो
- मेथी दाना – 2 टेबलस्पून
- सौंफ – 2 टेबलस्पून
- हल्दी – 1 टेबलस्पून
- लाल मिर्च पाउडर – 2 टेबलस्पून
- नमक – 100 ग्राम
- सरसों का तेल – 250 ml
पारंपरिक हरे आम की कैरी का अचार बनाने की विधि
- सबसे पहले कैरी को अच्छे से धो लें और कपड़े से सुखाकर छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें।
- मेथी दाना और सौंफ को हल्का भूनकर दरदरा पीस लें, जिससे अचार में खुशबू और स्वाद दोनों गहराई से आएं।
- अब कटे हुए आम में हल्दी, लाल मिर्च, नमक और पिसे हुए मसाले अच्छी तरह मिलाएं।
- सरसों के तेल को गर्म करके ठंडा होने दें और फिर इस मिश्रण में डालें।
- तैयार अचार को कांच की साफ और सूखी बरणी में भरें और 10-12 दिन तक रोज़ाना 2-3 घंटे धूप में रखें।
- अचार जब अच्छी तरह मसालों में गल जाए और तेल ऊपर तैरने लगे, तब यह खाने के लिए तैयार है।
विशेष – यह देसी कैरी का अचार सिर्फ स्वाद की बात नहीं करता, यह आपकी गर्मियों की सेहत का भी साथी है। एक बार बनाएं और सालभर खाने का मज़ा लें।
अगर आप पारंपरिक स्वाद के साथ कुछ अलग ट्राई करना चाहते हैं, तो इस अचार में कलौंजी या हींग भी थोड़ी मात्रा में डाल सकते हैं।