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मैहर में 3500 मीटर चुनरी यात्रा से रचा इतिहास, 6 हजार श्रद्धालुओं ने मां शारदा को अर्पित की भव्य चुनरी

Maihar on Gaurav Diwas with the 3500 meter Chunari Yatra

Maihar on Gaurav Diwas with the 3500 meter Chunari Yatra

A new record was created in Maihar on Gaurav Diwas with the 3500 meter Chunari Yatra: मध्य प्रदेश के नवगठित मैहर जिले ने अपनी स्थापना के दो वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में 4 और 5 अक्टूबर को धूमधाम से गौरव दिवस मनाया, जिसमें हजारों श्रद्धालुओं की भागीदारी के साथ 3500 मीटर लंबी चुनरी यात्रा निकालकर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया गया। लगभग 6 हजार लोगों ने 5 किलोमीटर की कठिन पैदल यात्रा तय कर त्रिकूट पर्वत पर स्थित मां शारदा मंदिर के गर्भगृह में यह चुनरी अर्पित की, जो पिछले 2800 मीटर के रिकॉर्ड को ध्वस्त करने वाली इस उपलब्धि ने मैहर की सांस्कृतिक और सामूहिक ऊर्जा को राष्ट्रीय स्तर पर चमकाया। गाजे-बाजे के साथ नाचते-गाते और माता के जयकारों के बीच पहाड़ी रास्तों पर पुष्प वर्षा, खान-पान व्यवस्था तथा मेडिकल टीमों की तैनाती से सुचारू रूप से चली इस यात्रा में प्रभारी मंत्री राधा सिंह ने कहा, “मैहर का यह उत्सव न केवल जिले की प्रगति का प्रतीक है, बल्कि हमारी आध्यात्मिक एकता की मिसाल भी है।”

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चुनरी यात्रा: आस्था और एकता का प्रतीक

यह चुनरी यात्रा जिले की स्थापना (अक्टूबर 2023) के दो वर्ष पूरे होने की खुशी में आयोजित की गई थी, जिसमें स्थानीय निवासियों, युवाओं और महिलाओं ने कंधे से कंधा मिलाकर भाग लिया। त्रिकूट पर्वत की ऊँचाई पर स्थित प्राचीन मां शारदा मंदिर, जो शक्ति की देवी के रूप में विख्यात है, तक पहुँचने वाली यह यात्रा न केवल धार्मिक उत्साह का केंद्र बनी, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और सामुदायिक सहयोग की मिसाल भी कायम की। यात्रा मार्ग पर जगह-जगह स्वागत द्वार, सांस्कृतिक कार्यक्रम और जलपान स्टेशन स्थापित किए गए थे, जिससे किसी भी प्रकार की असुविधा न हो। विधायक श्रीकांत चतुर्वेदी ने बताया, “यह कीर्तिमान मैहर की युवा पीढ़ी की ऊर्जा और जिले के विकास की गति को दर्शाता है। हम आगे भी ऐसे आयोजन कर जिले को राष्ट्रीय मानचित्र पर स्थापित करेंगे।”

पिछली वर्षगांठ पर भी रचा था इतिहास

मैहर जिला अपनी पहली वर्षगांठ पर भी कमाल कर चुका है। अक्टूबर 2024 में 11 हजार से अधिक स्कूली छात्र-छात्राओं ने एक साथ राष्ट्रगान का गायन कर लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में नाम दर्ज कराया था, जो जिले की शिक्षा और राष्ट्रीय एकता के प्रति समर्पण का प्रतीक बना। कलेक्टर रानी बाटड ने इसकी सराहना करते हुए कहा, “गौरव दिवस जैसे आयोजन जिले के सामाजिक ताने-बाने को मजबूत करते हैं और पर्यटन को बढ़ावा देते हैं।” पुलिस अधीक्षक अवधेश प्रताप सिंह ने सुरक्षा व्यवस्था की पुष्टि की, जिसमें ड्रोन निगरानी और ट्रैफिक प्रबंधन शामिल था।

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