कालजयी रचनाकार प्रेमचंद विषय पर व्याख्यान माला का आयोजन-A lecture series on the timeless author Premchand was organized.

A lecture series on the timeless author Premchand was organized – शासकीय ठाकुर रणमत सिंह महाविद्यालय, रीवा (मध्य प्रदेश) के हिन्दी-विभाग द्वारा गठित ‘हिन्दी क्लब’ के अंतर्गत महान रचनाकार मुंशी प्रेमचंद की 145-वीं जयंती पर व्याख्यान माला का आयोजन किया गया। व्याख्यान माला का विषय ‘कालजयी रचनाकार प्रेमचंद’ रहा। कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के प्रतिमा के सम्मुख दीप प्रज्ज्जलन एवं मां सरस्वती वंदना से प्रारंभ किया गया । कार्यक्रम की अध्यक्षता हिंदी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. भूपेंद्र सिंह ने किया।आयोजन की मुख्य वक्ता डॉ. शिप्रा द्विवेदी-प्राध्यापक हिन्दी, विशिष्ट वक्ता डॉ. वंदना त्रिपाठी-प्राध्यापक हिंदी, डॉ.विनोद विश्वकर्मा सह-प्राध्यापक हिंदी एवं डॉ.प्रदीप विश्वकर्मा सहायक प्राध्यापक हिंदी रहे। कार्यक्रम में विषय प्रवर्तन करते हुए डॉ. भूपेंद्र सिंह अपने वक्तव्य में कहा कि -प्रेमचंद की रचना-दृष्टि, विभिन्न साहित्य रूपों में अभिव्यक्त हुई,वह बहुमुखी प्रतिभा संपन्न साहित्यकार थे। प्रेमचंद की रचनाओं में तत्कालीन इतिहास बोलता है। उन्होंने अपनी रचनाओं में जन-साधारण की भावनाओं, परिस्थितियों और उनकी समस्याओं का मार्मिक चित्रण किया। आयोजन में बतौर मुख्य वक्ता डॉ. शिप्रा द्विवेदी अपने वक्तव्य में कहा कि – प्रेमचंद ने अपने जीवन में कई अद्भुत कृतियां लिखी हैं। तब से लेकर आज तक हिन्दी साहित्य में ना ही उनके जैसा कोई हुआ है और ना ही कोई और होगा। डॉ. वंदना त्रिपाठी अपने वक्तव्य में कहा कि- प्रेमचंद का साहित्य सामाजिक चेतना को जगाने और सामाजिक सुधारों को प्रोत्साहित करने का काम करता हैं। डॉ. विनोद विश्वकर्मा अपने वक्तव्य में कहा कि – प्रेमचंद का साहित्य भारतीय समाज के यथार्थवादी चित्रण के लिए जानी जाती हैं। उन्होंने गरीबी, किसानों की समस्याएं, जातिवाद और महिलाओं की स्थिति जैसे विषयों को अपनी कहानियों और उपन्यासों में उठाया है। डॉ. प्रदीप विश्वकर्मा अपने वक्तव्य में कहा कि -प्रेमचंद ने साहित्य के माध्यम से समाज को बदलने और लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया। कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ. बृजेन्द्र कुशवाहा एवं आभार डॉ. बृजेश साकेत ने किया। इस विशेष अवसर पर डॉ. मुकेश शाह, डॉ.अंशुला मिश्रा, डॉ. शशि मिश्रा, डॉ.ज्योति पांडेय, डॉ. अल्पना मिश्रा , डॉ.आशुतोष शुक्ल एवं महाविद्यालय के छात्र /छात्राएं बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

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