A grand procession of RSS was taken out on Vijayadashami in Rewa: रीवा में नवरात्रि के समापन पर विजयादशमी के पावन पर्व पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने शहर में एक विशाल पथ संचलन का आयोजन किया। यह संचलन संघ की स्थापना के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में विशेष महत्व रखता है, जो असत्य पर सत्य की विजय का प्रतीक बन गया। सैकड़ों स्वयंसेवकों ने पूर्ण गणवेश में भाग लिया, जिसका लोगों ने उत्साहपूर्ण स्वागत पुष्प वर्षा कर किया। शहर के प्रमुख मार्गों पर भारत माता के जयकारों और देशभक्ति नारों से माहौल गूंज उठा। शताब्दी वर्ष का विशेष आयोजनइस वर्ष विजयादशमी पर देशभर में आरएसएस द्वारा पथ संचलन आयोजित किए जा रहे हैं, जो संगठन के 100 वर्ष पूरे होने का उत्सव है।
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रीवा में यह संचलन स्थानीय शाखा के नेतृत्व में सुबह शस्त्र पूजा के साथ प्रारंभ हुआ। स्वयंसेवक दो-दो की कतारों में हाथों में भगवा ध्वज और दंड लिए शहर के हृदय स्थल से निकले। संचलन रीवा के उपरहटी से शुरू हो कर मुख्य बाजारों, सर्किट हाउस रोड और स्टेशन क्षेत्र होकर गुजरा, जहां स्थानीय निवासियों ने जगह-जगह फूलों की वर्षा कर उनका अभिवादन किया।
एक वरिष्ठ स्वयंसेवक ने बताया, “यह पथ संचलन संघ की वैचारिक और शारीरिक शक्ति का प्रतीक है। शताब्दी वर्ष में हम एक लाख शाखाओं के लक्ष्य की ओर अग्रसर हैं। रीवा जैसे शहरों में यह आयोजन जन-जागरण का माध्यम बनेगा।” संचलन के दौरान घोष वाद्य दल ने राष्ट्रभक्ति भजनों पर स्वयंसेवकों को प्रेरित किया, जो अनुशासन और एकता का जीवंत चित्रण प्रस्तुत कर रहा था।
रीवा की सड़कों पर उमड़े लोगों ने स्वयंसेवकों का स्वागत न केवल पुष्प वर्षा से किया, बल्कि तालियों और नारों से भी। महिलाएं और बच्चे भी घरों से निकलकर इस ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बने। एक स्थानीय निवासी ने कहा, “आरएसएस का यह संचलन हमें राष्ट्रीय एकता की याद दिलाता है। विजयादशमी पर यह देखना रोमांचक रहा कि कैसे युवा पीढ़ी संगठित होकर राष्ट्र सेवा का संकल्प ले रही है।”यह आयोजन न केवल धार्मिक महत्व का था, बल्कि सामाजिक संदेश भी देता रहा। स्वयंसेवकों ने पर्यावरण संरक्षण, सामाजिक सद्भाव और राष्ट्र निर्माण जैसे मुद्दों पर बैनर प्रदर्शित किए।
संचलन के समापन पर एक छोटा बौद्धिक सत्र भी आयोजित किया गया, जिसमें संघ के सिद्धांतों पर चर्चा हुई।राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य में रीवा का योगदानदेश के अन्य हिस्सों की तरह रीवा में भी यह पथ संचलन संघ प्रमुख मोहन भागवत के उद्बोधन से प्रेरित रहा, जो नागपुर में मुख्य समारोह को संबोधित कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जारी विशेष डाक टिकट और सिक्के के माध्यम से भी शताब्दी वर्ष का उत्सव राष्ट्रीय स्तर पर मनाया जा रहा है। रीवा के इस आयोजन ने स्थानीय स्तर पर संघ की लोकप्रियता को और मजबूत किया है।