सोहागी थाने के ग्राम चौरा निवासी मकबूल अहमद ने बताया कि उसके बेटे साजिद को रविवार की शाम से उल्टी-दस्त की समस्या हुई. इसके बाद उसे गांव के ही एक झोलाछाप डॉक्टर को दिखाया। लेकिन आराम नहीं मिला। सोमवार 22 जुलाई को रायपुर सोनौरी उप स्वास्थ्य केंद्र ले गए. मौके पर कोई डॉक्टर मौजूद नहीं था. मजबूरी में एक अन्य झोलाछाप डॉक्टर को दिखाने ले गए.
रीवा के सोहागी क्षेत्र में 10 साल के बच्चे की मौत हो गई है. परिजन के अनुसार झोलाछाप डॉक्टर ने 6 घंटे में बच्चे को एक के बाद एक लगातार ग्लूकोज की 7 बोतलें चढ़ा दी. हालत में सुधार होने की जगह बच्चे की नाक से खून और मुंह से झाग आ गया. उसे प्रयागराज के ले जाया जा रहा था. रास्ते में ही बच्चे ने दम तोड़ दिया। यह मामला मंगलवार 23 जुलाई का है. जिसकी शिकायत परिजन ने बुधवार 24 जुलाई को सोहागी थाने में की.
सोहागी थाने के ग्राम चौरा निवासी मकबूल अहमद ने बताया कि उसके बेटे साजिद को रविवार की शाम से उल्टी-दस्त की समस्या हुई. इसके बाद उसे गांव के ही एक झोलाछाप डॉक्टर को दिखाया। लेकिन आराम नहीं मिला। सोमवार 22 जुलाई को रायपुर सोनौरी उप स्वास्थ्य केंद्र ले गए. मौके पर कोई डॉक्टर मौजूद नहीं था. मजबूरी में एक अन्य झोलाछाप डॉक्टर को दिखाने ले गए.
मकबूल ने बताया कि डॉक्टर ने बच्चे को अपने क्लिनिक में भर्ती कर लिया। रात 9 बजे से 3 बजे तक बोतल चढ़ाता रहा और इंजेक्शन लगाता रहा. बच्चा बेहोश हो गया और उसकी नाक से खून और मुंह से झाग निकलने लगा. हम घबरा गए और उसे प्रयागराज ले जाने के लिए रवाना हुए, लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गई. हम उसे बचा नहीं पाए. सोहागी थाना प्रभारी जानकी प्रसाद ठाकुर ने बताया कि परिजन की शिकायत पर जांच की जा रही है. जांच में जो कुछ भी सामने आएगा, उसी आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। दोनों झोलाछाप डॉक्टर फरार हो गए हैं.
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