MP New E-Buses: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने स्वच्छता पुरस्कार वितरण समारोह में बताया कि प्रदेश में जल्द ही नौ से अधिक ई-बसें शुरू की जाएंगी। पहले चरण में 500 ई-बसें दी जानी थीं, जिनमें से 472 बसों के लिए केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने टेंडर जारी कर दिए हैं। इसकी जानकारी मध्य प्रदेश के नगरीय विकास विभाग को मिल चुकी है।
MP New E-Buses: मध्य प्रदेश के ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन, भोपाल और इंदौर नगर निगम क्षेत्रों में ई-बसों के लिए चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के बाद इन शहरों में ई-बसों का संचालन शुरू होगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने स्वच्छता पुरस्कार वितरण समारोह में बताया कि प्रदेश में जल्द ही नौ से अधिक ई-बसें शुरू की जाएंगी। इसके लिए नगरीय निकायों द्वारा चार्जिंग स्टेशन निर्माण की प्रक्रिया को तेज करने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। कुछ नगर निगमों में इसके लिए टेंडर प्रक्रिया भी पूरी हो चुकी है।
भारत सरकार से मिलेंगी 972 ई-बसें
नगरीय विकास और आवास विभाग को भारत सरकार ने मध्य प्रदेश के नगरीय निकायों के लिए 972 ई-बसें आवंटित करने का निर्णय लिया है। पहले चरण में 500 ई-बसें दी जानी थीं, जिनमें से 472 बसों के लिए केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने टेंडर जारी कर दिए हैं। इसकी जानकारी मध्य प्रदेश के नगरीय विकास विभाग को मिल चुकी है। इसके आधार पर पहले चरण में भोपाल, जबलपुर, इंदौर, ग्वालियर और उज्जैन नगर निगमों को ई-बसें संचालित करने के लिए डिपो निर्माण के निर्देश दिए गए हैं, ताकि चार्जिंग स्टेशन बनने पर बसों को खड़ा करने और चार्ज करने की व्यवस्था हो सके। बिना डिपो के बसें उपलब्ध होने पर भी उनका संचालन संभव नहीं होगा।
दूसरे चरण में सागर, देवास और सतना नगर निगमों में ई-बसें शुरू की जाएंगी। इन शहरों के निगमायुक्तों को डिपो के लिए स्थान तलाशने और टेंडर प्रक्रिया जल्द पूरी करने के निर्देश दिए जाएंगे, ताकि 2026 की शुरुआत में चार्जिंग स्टेशन बनाकर ई-बसों का संचालन शुरू हो सके।
472 बसों के लिए टेंडर, 500 का इंतजार
जानकारी के अनुसार, 972 ई-बसों में से 472 के लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और मध्य प्रदेश सरकार को इसकी लिखित सूचना मिल गई है। हालांकि, शेष 500 बसों के टेंडर की जानकारी अभी राज्य सरकार को नहीं मिली है। केंद्र सरकार जल्द ही इस प्रक्रिया को भी पूरा करेगा। 472 ई-बसों का टेंडर ग्रीन सेल कंपनी को मिला है, जो मध्य प्रदेश में 10 डिपो बनाएगी और छह शहरों को ई-बसें उपलब्ध कराएगी। भारत सरकार कंपनी को 12 साल तक ऑपरेशनल और मेंटेनेंस लागत भी प्रदान करेगी। इन बसों में 472 मिडी ई-बसें (26 सीटर) और 110 मिनी ई-बसें (21 सीटर) शामिल होंगी। किराया नगर निगम द्वारा निर्धारित किया जाएगा। ई-बसों का संचालन जीसीसी (ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर) मॉडल पर होगा।