Site icon SHABD SANCHI

8th Pay Commission की शर्तों पर 1 करोड़ कर्मचारियों-पेंशनरों को संशय!

8th Pay Commission Latest news: जेसीएम ने 18 जून को कैबिनेट सचिव को पत्र भेजा है. इस पत्र में जेसीएम ने यह मांग की है कि आठवें वेतन आयोग के लिए जो ‘टर्म ऑफ रेफरेंस’ (ToR) तैयार किए गए हैं, उन्हें सर्कुलेट यानी प्रसारित किया जाए. डीओपीटी ने जेसीएम को सूचित किया था कि सरकार ने आठवें वेतन आयोग का गठन करने का निर्णय लिया है. इसके लिए ‘टर्म ऑफ रेफरेंस’ को फाइनल रूप दिया जा रहा है. डीओपीटी ने टीओआर के लिए जेसीएम से सुझाव मांगे थे.

दरअसल जेसीएम ने बहुत पहले ही वे सभी सुझाव, डीओपीटी को सौंप दिए थे. ToR के लिए सुझाव सौंपे जाने के बावजूद अभी तक सरकार की तरफ से इस मामले में केंद्रीय कर्मचारियों की सर्वोच्च इकाई ‘जेसीएम’ के साथ कोई भी संचार नहीं हुआ है. इससे कर्मचारियों और पेंशनरों को संशय हो रहा है.

JCM के सुझावों पर कैसा रहा रिस्पांस

JCM के सचिव शिव गोपाल मिश्रा के मुताबिक, सरकार ने आठवें वेतन आयोग के ‘टर्म ऑफ रेफरेंस’ में क्या लिखा है, कर्मचारियों द्वारा दिए गए सुझावों को कितनी तव्वजो मिली है, इसे लेकर केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनर असमंजस में हैं. उनके सामने अनिश्चितता की स्थिति है. इतना ही नहीं, ‘टीओआर’ का दस्तावेज, जेसीएम तक नहीं पहुंचने के कारण कर्मचारियों में सरकार की घोषणा और विश्वसनीयता को लेकर संशय बन रहा है.

कर्मचारी, आठवें वेतन आयोग की घोषणा को लेकर चिंतित नजर आ रहे हैं. सेवारत कर्मियों के अलावा पेंशनर भी आठवें वेतन आयोग पर आश्वस्त नहीं हैं. वजह, उन्हें अभी तक नहीं मालूम कि आठवें वेतन आयोग का पेंशनर को फायदा होगा या नुकसान. फाइनेंस बिल के चलते भी पेंशनर, चिंतित हो गए थे. आठवें वेतन आयोग में उनकी पेंशन बढ़ेगी या उतनी ही रहेगी. महंगाई राहत ‘डीआर’ का क्या होगा, ऐसे कई सवाल पेंशनरों को परेशान कर रहे हैं. उनमें असुरक्षा का भाव पैदा हो गया है.

कर्मचारियों और पेंशनरों के संदेह दूर होने चाहिए

इन सबके चलते जेसीएम के सचिव शिव गोपाल मिश्रा ने कैबिनेट सचिव से आग्रह किया है कि आठवें वेतन आयोग के लिए जो ‘टर्म ऑफ रेफरेंस’ फाइनल की गई है, उसे स्पष्ट किया जाए. टीओआर में लिखी बातें, बड़े स्तर पर कर्मचारियों और पेंशनरों तक पहुंचाई जाए. इससे कर्मचारियों का उत्साह बना रहेगा. आठवें वेतन आयोग को लेकर उनमें कोई भ्रांति नहीं रहेगी. आठवें वेतन आयोग में किस तरह से वेतन तय होगा, रिवाइज सेलरी का प्रारूप क्या रहेगा, आदि बातों का स्पष्ट होना आवश्यक है. कर्मचारियों और पेंशनरों के सभी संदेह दूर होने चाहिएं.

जेसीएम ने सरकार से यह आग्रह भी किया है कि आठवें वेतन आयोग की कमेटी, जल्द से जल्द गठित हो. अगर सरकार उक्त बातों को ध्यान में रखकर टीओआर को सार्वजनिक करती है तो कर्मचारियों और पेंशनरों में सरकार के प्रति भरोसा बना रहेगा. केंद्र सरकार के कर्मचारी, उत्साह के साथ अपना काम करेंगे. इस पत्र की कॉपी, सचिव वित्त मंत्रालय, सचिव डीओपीटी और सभी मान्यता प्राप्त यूनियन के महासचिव को भेजी गई है.

JCM के प्रतिनिधियों ने दिए थे ये सुझाव…

जेसीएम के प्रतिनिधियों ने वेतन भत्ते तय करने वाले नियमों की बहुत अधिक समीक्षा और उनमें सुधार की जरूरत पर बल दिया. आठवें वेतन आयोग की संदर्भ शर्तों के लिए कर्मचारी पक्ष ने कहा, जीवन की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए न्यूनतम वेतन तय किया जाए. कर्मचारी के लिए ऐसी स्थिति रहे कि जिसमें वह सम्मानजनक तरीके से जीवनयापन कर सके. कर्मचारी पक्ष की ओर से पुरानी पेंशन योजना की बहाली करने की मांग भी की गई. संदर्भ शर्तों में रेलवे और रक्षा नागरिक कर्मचारियों पर विशेष ध्यान देने की जरुरत है. इसके अलावा पेंशनभोगियों के मुद्दे और सीजीएचएस से जुड़े प्रावधान, इन्हें भी संदर्भ की शर्तों में शामिल करने की मांग की गई.

वेतन भत्ते और अन्य लाभ सुविधाओं की मांग की

जेसीएम की अन्य मांगों में विभिन्न श्रेणियों के कर्मचारियों का वेतन, भत्ते, अन्य लाभ/सुविधाएं, सेवानिवृत्ति से जुड़े मुद्दे जैसे पेंशन/ग्रेच्युटी और अन्य टर्मिनल लाभ आदि की मौजूदा संरचना की जांच करना, आदि शामिल था. जेसीएम की तरफ से सरकार को जो सुझाव दिए गए, उनमें केंद्र सरकार के कर्मचारी, औद्योगिक और गैर-औद्योगिक, दोनों शामिल थे. इनके अलावा अखिल भारतीय सेवाओं से संबंधित कार्मिक, रक्षा बलों और अर्धसैनिक बलों के कार्मिक, डाक विभाग से संबंधित कार्मिक, केंद्र शासित प्रदेशों के कार्मिक, भारतीय लेखापरीक्षा एवं लेखा विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी, उच्चतम न्यायालय के अधिकारी एवं कर्मचारी, संसद के अधिनियम के तहत गठित नियामक निकायों के सदस्य और केंद्र सरकार के स्वायत्त निकायों व संस्थानों के कर्मचारी भी शामिल हैं.

जोखिम का विशेष कवरेज हो

काम के दौरान होने वाले हादसों में जान खोने या घायल कर्मियों को बेहतर इलाज और मुआवजे की जरुरत है. वे लोग जोखिम के विशेष कवरेज के पात्र हैं. सीपीसी को इस बाबत अध्ययन करने की आवश्यकता है. एमओडी द्वारा जोखिम भत्ता समिति का गठन किया गया था. एनसी-जेसीएम की स्थायी समिति द्वारा बार-बार आग्रह करने के बावजूद यह काम नहीं कर रही है. मूल वेतन के साथ 50% डीए और पेंशन के साथ 50% डीआर का विलय हो.

सचिव डीओपीटी ने, कर्मचारी पक्ष को भरोसा दिलाया था कि स्टाफ द्वारा संदर्भ की शर्तों पर जो बातें कही गई हैं, उन पर विचार किया जाएगा. यह भी आश्वासन दिया गया कि कर्मचारी पक्ष के साथ आगे की बैठक उचित समय पर होगी. इसके बाद जेसीएम के साथ कोई बैठक नहीं हुई. अभी तक जेसीएम को फाइनल टीओआर की प्रति भी मुहैया नहीं कराई गई.

Exit mobile version