8th Pay Commission: आज की खबर उन कर्मचारियों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है जिन्हें आठवें वेतन आयोग का लाभ नहीं मिलेगा ऐसा कहा जा रहा है, चलिए जानते हैं क्या है माजरा, फाइनेंशियल बिल के विरोध में मंगलवार को प्रदेश नेतृत्व के आह्वान पर सेवानिवृत्त कर्मचारी एवं पेंशनर्स एसोसिएशन तथा शिक्षक महासंघ से जुड़े शिक्षकों ने कलक्ट्रेट में प्रदर्शन कर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा. ज्ञापन में कहा कि 31 दिसंबर 2025 से पहले सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों को आठवें वेतन आयोग के लाभ से वंचित रखे जाने की आशंका है.
पेंशनर्स को सुरक्षा दी जाए
अध्यक्ष सतीश चंद्र त्यागी के नेतृत्व में कर्मचारी, शिक्षक और पेंशनर्स ने साथ सूत्रीय ज्ञापन सौंपा. उन्होंने कहा कि फाइनेंशियल एक्ट 2025 में पेंशनर्स को सुरक्षा दी जाए. केंद्रीय आठवें वेतन आयोग का गठन जल्द किया जाए.
प्राथमिक विद्यालय का क्या होना चाहिए?
पेंशनरों की पेंशन राहत का शासनादेश कर्मचारियों एवं शिक्षकों के मंहगाई भत्ते के शासनादेश के साथ ही जारी किया जाए. पेंशन के राशिकरण की कटौती को 15 वर्ष से घटाकर 10.वर्ष किया जाए. प्राथमिक विद्यालयों को न तो किसी अन्य विद्यालय में मर्ज किया जाये और न किसी प्राथमिक विद्यालय को बंद किया जाए.
सरकार का निर्णय गरीब बच्चों को शिक्षा पाने से वंचित करेगा. प्रदर्शन में शिवशंकर सिंह, नूरूल इस्लाम, सुल्तान मेंहदी, आनंद शर्मा, सोहनलाल कर्दम, योगेन्द्र पाल सिंह, बनी सिंह चौहान, मंजू सिंह, यशपाल सिंह, एस पी शर्मा, गजेन्द्र वर्मा, मौजूद रहे.
15 फीसदी वृद्धि की संभावना
आपको बता दें कि वेतन और पेंशन में 15 फीसदी की वृद्धि की संभावना जताई जा रही है. इसे देखते हुए प्रदेश सरकार भी आगामी वर्षों का बजट अनुमान तैयार करवा रही है. इसके लिए समिति भी बना दी गई है.
वर्तमान में इस हिसाब से दिया जा रहा वेतन
प्रदेश में अभी अधिकारियों-कर्मचारियों और पेंशनरों को सातवें वेतनमान के हिसाब से भुगतान किया जा रहा है. इस पर वर्षभर में कुल बजट का लगभग 33 प्रतिशत हिस्सा व्यय होता है.