8 buses go missing in Rewa owners go on hunger strike: रीवा जिले के सिविल लाइन थाना क्षेत्र में धोखाधड़ी का एक गंभीर मामला सामने आया है, जहाँ ‘माँ वैष्णो देवी ट्रेवल्स’ के संचालक संतोष कुमार तिवारी की आठ बसें पिछले दो महीने से लापता हैं। पुलिस की धीमी कार्रवाई से परेशान होकर पीड़ित बस मालिक ने बसों की बरामदगी के लिए अनशन शुरू कर दिया है।
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विश्वास का फायदा उठाकर ठगी
संतोष तिवारी, जो रीवा-मैहर-कटनी-जबलपुर रूट पर बसें चलाते थे, उन्होंने अनंतपुर निवासी दर्शन सिंह परिहार पर भरोसा जताया। दर्शन, जो पहले इंटरसिटी बसों में काम करता था, उसने बार-बार इंदौर रूट पर बसें चलाने की गुहार लगाई थी। संतोष ने दरियादिली दिखाते हुए उसे कुल 10 बसें सौंपी। शुरुआत में ईमानदारी दिखाने वाले दर्शन ने जल्द ही अपना असली रंग दिखाना शुरू कर दिया। उसने 8 बसों पर चालाकी से ‘जय भवानी ट्रेवल्स’ का नाम जोड़कर अपना बैंक अकाउंट लिंक कर लिया। इसके बाद ऑनलाइन टिकट बुकिंग का सारा पैसा सीधे उसके खाते में जाने लगा।
क्राइम और बसों को गायब करना
दर्शन ने धीरे-धीरे संतोष को कैश पेमेंट देना बंद कर दिया। इतना ही नहीं, उसने पुरानी रंजिश के चलते इंटरसिटी बसों के शीशे तोड़वाने जैसे आपराधिक कृत्य शुरू किए, जिसमें दुर्भाग्यवश एक डॉक्टर की मौत भी हो गई। जब संतोष ने दर्शन को चेतावनी दी और बसें वापस लेने की कोशिश की, तो दर्शन ने ‘मेंटेनेंस’ का झूठा बहाना बनाकर 8 बसें गायब कर दीं।
पुलिस की बेअसर कार्रवाई
पीड़ित संतोष तिवारी ने सिविल लाइन थाने में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद मामला दर्ज हुआ। लेकिन दो महीने बीत जाने के बावजूद पुलिस केवल एक बस ही बरामद कर पाई है। बसें फाइनेंस पर होने के कारण, संतोष पर बैंक की किस्तों और परिवहन विभाग के भारी टैक्स का बोझ बढ़ गया है। बसों की बरामदगी न होने और आर्थिक संकट से परेशान होकर संतोष तिवारी न्याय के लिए अनशन पर बैठ गए हैं। संतोष तिवारी अब दर-दर भटककर प्रशासन से अपनी गाढ़ी कमाई की बसों को जल्द से जल्द वापस दिलवाने की गुहार लगा रहे हैं।
