केंद्र सरकार ने 7th Pay Commission के तहत एक जरूरी घोषणा की है अब से सभी केंद्रीय कर्मचारियों को प्रोपोर्शनल ड्रेस एलाउंस दे दिया जाएगा। जिसका मतलब यह है कि अगर कोई कर्मचारी साल के बीच में रिटायर होता है या नौकरी ज्वाइन करता है तो उसे भी उसके काम के महीना के हिसाब से ड्रेस एलाउंस मिलेगा।
सरकार का बड़ा फैसला, अब सभी को मिलेगा समान लाभ
केंद्र सरकार ने 7th Pay Commission के अनुसार एक बड़ी घोषणा की है अब से सभी केंद्रीय कर्मचारियों को प्रोपोर्शनल ड्रेस एलाउंस मिल जाएगा जिसका मतलब है अगर कोई कर्मचारी साल के बीच में रिटायर हो जाता है या नौकरी ज्वाइन कर लेता है तो उसको भी उसके काम के महीना के अनुसार ड्रेस एलाउंस मिल सकेगा या आदेश वित्त मंत्रालय के द्वारा जारी किया गया है जिससे करीब लाखों कर्मचारियों को फायदा होने वाला है।
इस फैसले में सरकार ने साफ तौर पर कहा है कि यह निर्णय निष्पक्षता और पारदर्शिता को ध्यान में रखकर किया गया है।
किसे मिलेगा फायदा?
सरकार द्वारा जारी किए गए नोटिफिकेशन के अनुसार जो कर्मचारी जुलाई 2024 से जून 2025 के बीच नियुक्त हुए हैं उन्हें भी ड्रेस एलाउंस मिलेगा। जो 30 सितंबर 2025 तक रिटायर हो रहे हैं उनसे कोई भी वसूली नहीं की जाएगी वही ऐसे लोग जो अक्टूबर 2025 के बाद रिटायर होने वाले हैं उन कर्मचारियों से अगर ज्यादा राशि ली गई हो तो वह रिकवरी की जाएगी।
इस वसले का मुख्य उद्देश्य उन कर्मचारियों को भी लाभ देना है जिन्हें पहले पूरे वर्ष की सेवा न देने के कारण या अलाउंस नहीं मिल पाया था।

Proportionate Dress Allowance कैसे तय होगा?
सरकार के अनुसार ड्रेस एलाउंस हर वर्ष जुलाई के महीने में दिया जाता है अब यह प्रोपोर्शनल आधार पर तय होगा जिसका मतलब है कि जिस अवधि तक कर्मचारियों ने सेवा दी है उसी के अनुसार भुगतान मिलेगा। इसे हम इस प्रकार समझते हैं अगर किसी व्यक्ति ने केवल 6 महीने तक ही नौकरी की है तो उसे बिल्कुल 6 महीने का ही allowance मिलेगा।
इसके साथ-साथ जब भी महंगाई भत्ता में 50% की बढ़ोतरी होगी ड्रेस एलाउंस में भी 25% की वृद्धि देखी जाएगी।
कर्मचारियों में खुशी, लेकिन कुछ सवाल भी
सभी सरकारी कर्मचारियों ने इस फैसिलिटी का स्वागत किया है उनका कहना है कि यह फैसला उन लोगों के लिए एक राहत की खबर है जो साल के बीच में रिटायर या भर्ती हुए लोगों के लिए है। हालांकि कुछ कर्मचारियों ने रिकवरी के प्रावधान को लेकर चिंता बताई है उनका मानना है कि यह व्यवस्था थोड़ी जटिल हो सकती है।
कुल मिलाकर 7th Pay Commission के अनुसार या फैसला केंद्र सरकार की तरफ से कर्मचारियों के हित में एक बड़ा कदम माना जा रहा है इससे न केवल कर्मचारियों के बीच समानता आएगी बल्कि प्रशासनिक पारदर्शिता भी बढ़ेगी।