DU Orphan Reservation Quota: डीयू (Delhi University Admission) में एडमिशन लेने की इच्छा रखने वाले अनाथ बच्चों के लिए अच्छी खबर है. दरअसल, डीयू की तरफ से अनाथ आरक्षण कोटे (Orphan Reservation Quota) को लागु करने का निर्णय लिया गया है. इस कोटे के तहत उन छात्रों को रिजर्वेशन (Reservation) मिलता है, जिनके माता-पिता नहीं हैं. बता दें की इसे अगले अकादमिक सेशन (DU Academic Session) से लागु किया जाएगा। इस अनाथ आरक्षण कोटे के अंतर्गत अंडरग्रेजुएट और पोस्टग्रेजुएट की कक्षाओं में कुछ सीट्स रिजर्व्ड रखे जाएंगे।
क्या होता है अनाथ आरक्षण कोटा?
What is Orphan Reservation Quota: अनाथ आरक्षण कोटे का अर्थ है कि, इसके अंतर्गत केवल उन छात्रों को आरक्षण दिया जाता है, जिनके माता-पिता अब जीवित नहीं हैं. इसका फैसला डीयू की एग्जीक्यूटिव काउंसिल (DU Executive Council) ने कुछ दिनों पहले ही किया है.
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कितनी सीट्स होंगी रिज़र्व?
How Many Seats are Reserved For Orphans in DU: अनाथ आरक्षण कोटे के तहत यूजी और पीजी के सभी कोर्स में दो-दो सीट्स रिजर्व्ड रहेंगी। यह कोटा सुपरन्यूमेरी के अंदर काउंट होगा।
अनाथ आरक्षण कोटे से क्या होगा?
Benefits Of Orphan Reservation Quota: अनाथ आरक्षण कोटे (Orphan Reservation Quota) के अंतर्गत आने वाले छात्रों को कोई फीस (No Fees) का भुगतान नहीं करना होगा। साथ ही पढ़ाई में जिस भी तरह का खर्च आएगा, वो यूनिवर्सिटी वेलफेयर फंड (University Welfare Fund) या कॉलेज स्टूडेंट्स वेलफेयर फंड (College Students Welfare) से लिया जाएगा।
डीयू में एडमिशन कैसे होगा?
अनाथ आरक्षण कोटे के अंतर्गत एडमिशन प्रोसेस नॉर्मल होगी। एडमिशन बिलकुल वैसे ही होगा जैसे कि यूजी और पीजी कोर्स में होता है, यानि की छात्रों को सीयूईटी यूजी और पीजी एग्जाम देना होगा। एग्जाम में परफॉरमेंस के बेसिस पर उनपर कोटा लागू होगा और अनाथ आरक्षण कोटे का लाभ मिलेगा।
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