केदारनाथ के पास हुए हेलिकॉप्टर क्रैश में पायलट समेत 7 लोगों की दर्दनाक मौत

Kedarnath Helicopter Crash News In Hindi: उत्तराखंड के केदारनाथ धाम के पास मंगलवार सुबह एक दर्दनाक हादसे में हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया। इस हादसे में 7 लोगों की जान चली गई, जिनमें एक दो साल का मासूम बच्चा भी शामिल है। मृतकों में पायलट सहित सभी यात्री शामिल हैं, जो बाबा केदार के दर्शन कर लौट रहे थे। गौरीकुंड से NDRF और SDRF की टीम भेज दी गई। गढ़वाल रेंज के आईजी के अनुसार, शव बुरी तरह जल गए हैं, उनकी पहचान के लिए डीएनए टेस्ट करवाया जाएगा और उसके बाद ही शव परिजनों को सौंपे जाएंगे।

क्या हुआ हादसे के समय

प्राप्त जानकारी के अनुसार, यह हेलिकॉप्टर केदारनाथ से लौटते समय, गौरीकुंड में खराब मौसम और कम दृश्यता के कारण गरुड़चट्टी इलाके के पास दुर्घटनाग्रस्त हुआ। चश्मदीदों का कहना है कि हेलिकॉप्टर पहाड़ी से टकरा गया और कुछ ही मिनटों में धूं-धूं करके जलने लगा।

हेलिकॉप्टर में सवार 7 लोगों की हुई मृत्यु

हेलीकॅाप्टर में पायलट राजवीर सिंह सहित कुल सात लोग सवार थे। इनमें से 2-2यात्री महाराष्ट्र-उत्तरप्रदेश के थे, 1-1 यात्री गुजरात और उत्तराखंड के थे। जबकि हेलिकॉप्टर चालक 37 वर्षीय राजवीर सिंह चौहान जयपुर के रहने वाले थे और सेना से लेफ्टिनेंट कर्नल के पद से रिटायर थे। वह करीब 9 महीने से आर्यन एवीएशन के लिए फ्लाइंग कर रहे थे।

सभी सेवाएं स्थगित

इस हादसे के बाद उत्तराखंड सरकार ने तत्काल प्रभाव से चार धाम यात्रा के तहत चल रही सभी हेलिकॉप्टर सेवाओं को रोकने का आदेश जारी कर दिया है। जांच के लिए एक उच्चस्तरीय समिति गठित कर दी गई है जो तकनीकी और मानवीय कारणों की पड़ताल करेगी।

उत्तराखंड के मुखमंत्री ने व्यक्त की संवेदना

हादसे की खबर फैलते ही पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट की है और कहा कि दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी यदि किसी तरह की लापरवाही पाई गई।

पुनरावलोकन की जरूरत

इससे पहले भी कुछ दिन पूर्व ही तीर्थयात्रियों की हेली सर्विस को लेकर कई दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। 17 मई को भी एक हेलिकॉप्टर दुर्घटना हुई थी, लेकिन उसमें सवार तीनों यात्री चालक की सूझ-बूझ से सुरक्षित बच गए थे। इसी तरह रुद्रप्रयाग में भी तीर्थयात्रियों के एक हेलिकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग की गई थी। यह हादसा फिर से इस बात की ओर संकेत करता है, कि ऊंचाई वाले तीर्थ क्षेत्रों में हवाई सेवाओं की सुरक्षा मानकों की गंभीरता से समीक्षा करने की आवश्यकता है। सरकार को हेली सर्विस के मानक अच्छे से तय करके और नए नियम बनाने चाहिए।

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