7 May 2025 Mock Drill Operation Abhyas: 7 मई 2025 को भारत सरकार देशभर में ऑपरेशन अभ्यास नामक एक सुरक्षा मॉक ड्रिल(nationwide mock drill) संचालित करने वाली है। इस मॉक ड्रिल का मुख्य उद्देश्य देशवासियों को आपातकालीन परिस्थितियों के लिए तैयार करना है। यह विशेष रूप से 22 अप्रैल 2025 को जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले को मद्दे नजर रखते हुए गठित की जा रही है।

भारत पकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए सुरक्षा रणनीति
बता दें कश्मीर में हुए आतंकवादी हमले के बाद से ही भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। ऐसे में 7 मई 2025 को अलसुबह भारतीय सेना द्वारा भी ऑपरेशन सिंदूर (7 may 2025 operation sindoor)संचालित किया गया। इसकी वजह से अब तनाव की स्थिति और ज्यादा गंभीर हो चुकी है और ऐसे में यह मॉक ड्रिल करना अनिवार्य हो गया है ताकि भारत सरकार सभी संवेदनशील जिलों में सुरक्षा नीतियाँ सुनिश्चित कर सके और जरूरत पड़ने पर उन्हें सुधार भी कर सके।
पाठकों की जानकारी के बता दे यह मॉक ड्रिल देश भर के 244 सिविल डिफेंस जिलों में आयोजित की जाने वाली है जिसमें संवेदनशील सीमावर्ती राज्य (mock drill state list)जैसे कि जम्मू कश्मीर, पंजाब, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, गुजरात को सम्मिलित किया जाएगा। इसके अलावा भारत की अन्य मेट्रो सिटीज जैसे कि दिल्ली, मुंबई, कोलकाता ,चेन्नई ,बेंगलुरु, हैदराबाद, अहमदाबाद, पुणे ,लखनऊ, पणजी तथा केरल के 14 जिलों पंजाब के 20 स्थान और उत्तर प्रदेश के संवेदनशील स्थानों में इस मॉडल का आयोजन किया जाएगा।
और पढ़ें: Mock Drill Blackout and Guidelines: अंधेरे में सुरक्षा की रोशनी मॉक ड्रिल और ब्लैकआउट की रणनीति
क्या है इस मॉक ड्रिल का मुख्य उद्देश्य है?(mock drill purpose)
भारत सरकार और डिफेंस मिनिस्ट्री द्वारा गठित की जाने वाली इस मॉक ड्रिल का मुख्य उद्देश्य (mock drill meaning)नागरिकों को प्रशिक्षित करना है ताकि यदि भविष्य में युद्ध जैसी कोई स्थिति बनती है तो नागरिक तैयार रहे और युद्ध के दौरान नागरिकों को क्या करना है इसको लेकर सजग रहे। इस मॉक ड्रिल के अंतर्गत मिलिट्री द्वारा विभिन्न सायरन बजाए जाएंगे इन सायरनो(mock drill siren) को समझते हुए नागरिकों को उसी हिसाब से एक्शन लेना होगा।
इस मॉक ड्रिल के माध्यम से भारतीय वायु सेवा और अन्य सुरक्षा एजेंसियां तथा सिविल डिफेंस तकनीक का परीक्षण करने वाली है ताकि डिफेंस में यदि किसी प्रकार की कोई कमी है तो उसका पता जल्द से जल्द लगाया जा सके और आपातकालीन स्थितियों से पहले ही इन कमियों में सुधार किया जा सके। इस पूरी प्रक्रिया के दौरान अधिकारियों द्वारा विभिन्न गतिविधियाँ गठित की जाएगी जो केवल आपातकालीन स्थिति का अभ्यास मात्र ही है। इसीलिए इस मॉक ड्रिल को ऑपरेशन अभ्यास नाम से भी संबोधित किया जा रहा है।
नागरिकों से निवेदन है कि वह इस मॉक ड्रिल में सेना और सुरक्षा एजेंसियों का पूरा साथ दें और किसी भी प्रमाण प्रकार की भ्रामक खबरें ना फैलाएं और किसी प्रकार की संदिग्ध गतिविधि दिखाई देती है तो जल्द से जल्द नजदीकी पुलिस थाने या सुरक्षा एजेंसी में रिपोर्ट करें।