रीवा। गरीब एवं छोटे परिवार के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना खुद के घर का सपना पूरा कर रही है, तो सरकार भी इस योजना का लाभ ज्यादा-से-ज्यादा परिवार को दिलाने के लिए प्रयासरत है। इसी के तहत शहरी क्षेत्रों में दूसरे फेस का आवास बनाए जाने को लेकर तैयारी की जा रही है। जानकारी के तहत दूसरे फेस में तकरीबन ढ़ाई लाख पीएम आवास मध्यप्रदेश में बनाए जाएगे। इसके लिए मध्यप्रदेश के 104 शहरो को चिहिन्त करके पीएम आवास बनाए जाने के लिए तैयारी शुरू कर दी गई है। इसमें रीवा, सतना, सीधी, मउगंज, मैहर आदि शहर भी शामिल है और यहां आवास बनाए जाने के लिए संख्या तय की गई है।
नगरीय प्रशासन ने जारी किया निर्देश
पीएम आवास शहरी 2.0 के तहत अफोर्डेबल हाउसिंग इन पार्टनरशिप (एएचपी) के जरिए मलिन बस्तियों का उन्मूलन करते हुए आवासीय परियोजनाएं तैयार करने का निर्देश नगरीय प्रशासन ने जारी किया है। खास बात यह है कि दूसरे फेज में शासन-प्रशासन और बेहतर तरीके से काम करने की तैयारी कर रहा है, क्योकि पहले दौर में जो आवास बनाए गए थें, उसमें जो कुछ समस्या आई थी, उस पर भी फोकस किया गया है। जिससे दूसरे दौर के काम ऐसी स्थित उत्पन्न न हो सकें।
रीवा में 6651 नए मकान होंगे तैयार
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत दूसरे दौर के कार्य में रीवा सहित प्रदेश के 104 नगरीय निकायों में आवास योजना तैयार की जाएगी। इसमें रीवा शहर में 6651 नए मकान तैयार किए जाएंगे। दूसरे दौर के कार्य में उन शहरों में आवास बनाए जाने की तैयारी की जा रही है। रीवा नगर-निगम आयुक्त सौरभ सोनवड़े का इस संबध में कहना है कि आवास बनाए जाने को लेकर निर्देश प्राप्त हुए है। स्लम बस्तियों में इसके लिए अच्छे लोकेशन आदि पर फोकस करके आवास बनाए जाने की तैयारी की जा रही है।
अपनाया जा सकता है पीपीपी मॉडल
दूसरे दौर के पीएम आवास में पीपीपी मॉडल को भी अपनाया जा सकता है। दरअसल पहले दौर में सरकार ने ठेकेदारों के माध्यम से प्रधानमंत्री आवास योजना के मकानों का निर्माण कराया था। इसमें कुछ ठेकेदारों ने समय पर राशि का भुगतान नहीं होने का हवाला देते हुए काम में लेटलतीफी की है। कुछ क्षेत्रों मकानों का निर्माण लंबे समय से अधूरा पड़ा है। यही वजह है कि दूसरे दौर में बनाए जाने वाले आवास में शासन-प्रशासन आवास निर्माण में पीपीपी जैसे मॉडल पर भी विचार कर रहा है।