IMPORT OIL: खाद्य तेल बिगाड़ेगा आम आदमी की रसोई का खेल, क्या बढ़ने जा रहे रसोई तेल के दाम?

अगर भारत खाद्य तेल पर आयात (IMPORT OIL) कर बढ़ाता है तो भारत को यह तेल दूसरे देशों से ऊंचे दाम पर खरीदना पड़ेगा

NEW DELHI: भारत समेत दुनिया के लगभग हर देश पर अमेरिका ने टैरिफ लगा दिया है। अमिरिकी राष्ट्रपति ट्रंप का कहना है कि वह स्थानीय कारोबार को बढ़ावा देने के लिए ऐसा कर रहे हैं। भारत समेत दुनिया के कई देश भी ऐसा करते हैं। अब भारत भी अपने स्थानीय किसानों की मदद के लिए आगे आया है। जानकारी के मुताबिक भारत वनस्पति तेलों के आयात (IMPORT OIL) पर टैक्स बढ़ा सकता है।

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सरकारी सूत्रों के हवाले से खबर

रिपोर्ट्स के मुताबिक, दो सरकारी सूत्रों ने शुक्रवार को कहा कि भारत अपने हजारों तिलहन किसानों को घरेलू तिलहन कीमतों में गिरावट से राहत देने के लिए वनस्पति तेलों पर आयात कर (IMPORT OIL) बढ़ा सकता है। अगर ऐसा हुआ तो छह महीने से भी कम समय में वनस्पति तेलों पर आयात कर दूसरी बार बढ़ जाएगा। वर्तमान समय में किसानों को वनस्पति तेल पर भारी घाटा हो रहा है। इसलिए सरकार उनकी मदद करना चाहती है।

OIL IMPORT करने पर क्या होगा

 भारत दुनिया का सबसे बड़ा खाद्य तेल आयातक है। अगर भारत खाद्य तेल पर आयात (IMPORT OIL) कर बढ़ाता है तो भारत को यह तेल दूसरे देशों से ऊंचे दाम पर खरीदना पड़ेगा। क्योंकि घाटे की भरपाई के लिए दूसरे देश तेल के दाम बढ़ा देंगे। इससे भारत में यह तेल महंगा बिकेगा। इसके साथ ही विदेशों से पाम तेल, सोया तेल और सूरजमुखी तेल जैसी चीजों की खरीदारी कम हो सकती है, क्योंकि मांग में गिरावट आ सकती है।

कहां, कितना और कैसे लगता है शुल्क

सितंबर 2024 में, भारत ने कच्चे और परिष्कृत वनस्पति तेलों पर 20% मूल सीमा शुल्क लगाया था। संशोधन के बाद कच्चे पाम तेल, कच्चे सोया तेल और कच्चे सूरजमुखी तेल पर 27.5% आयात शुल्क लगाया गया जबकि पहले यह 5.5% था। वहीं, इन तीनों तेलों के रिफाइंड ग्रेड पर अब 35.75% आयात कर लगाया गया है। टैक्स बढ़ोतरी के बाद भी सोयाबीन की कीमतें सरकार द्वारा निर्धारित समर्थन मूल्य से 10% से अधिक नीचे कारोबार कर रही हैं। व्यापारियों को यह भी उम्मीद है कि अगले महीने नए सीज़न की आपूर्ति शुरू होने पर सर्दियों में बोई गई सरसों की कीमतों में और गिरावट आएगी।

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