मध्य प्रदेश सरकार ने इन कंपनियों से 443 करोड़ 4 लाख 86 हजार 890 रुपये की वसूली निकालने का फैसला किया है। इस राशि पर जीएसटी अलग से लागू होगा, जिससे कुल वसूली और बढ़ सकती है। यह जानकारी विधानसभा के प्रश्नकाल में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की ओर से दिए गए लिखित जवाब में सामने आई है।
जबलपुर के सिहोरा में तीन खनन कंपनियों—आनंद माइनिंग कॉर्पोरेशन, निर्मला मिनरल्स और पैसिफिक एक्सपोर्ट—पर स्वीकृत मात्रा से अधिक खनन करने का आरोप है। मध्य प्रदेश सरकार ने इन कंपनियों से 443 करोड़ 4 लाख 86 हजार 890 रुपये की वसूली निकालने का फैसला किया है। इस राशि पर जीएसटी अलग से लागू होगा, जिससे कुल वसूली और बढ़ सकती है। यह जानकारी विधानसभा के प्रश्नकाल में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की ओर से दिए गए लिखित जवाब में सामने आई है।
जवाब में बताया गया कि इन कंपनियों ने स्वीकृत मात्रा से अधिक खनन किया, लेकिन शासन को 1,000 करोड़ रुपये की राशि जमा नहीं की गई। इसकी शिकायत आशुतोष मनु दीक्षित ने 31 जनवरी 2025 को ईओडब्ल्यू में दर्ज की थी। शिकायत के आधार पर खनिज साधन विभाग ने 23 अप्रैल को एक जांच दल गठित किया। इस दल ने 6 जून को अपनी रिपोर्ट सौंपी, जिसमें उक्त राशि की वसूली प्रस्तावित की गई। सरकार ने कहा कि जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई शुरू हो चुकी है।
कंपनियों का दावा: बिना निरीक्षण के बनाई गई रिपोर्ट
आनंद माइनिंग कॉर्पोरेशन और निर्मला मिनरल्स ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि उनकी फर्म, सीएल पाठक एंड संस, 115 वर्षों से खनन के क्षेत्र में है और 70 वर्षों से खनिज व्यापार कर रही है। कंपनियों ने दावा किया कि उनकी खदानों से कभी ओवर प्रोडक्शन नहीं हुआ और बिके मटेरियल पर रॉयल्टी, सेल्स टैक्स और जीएसटी नियमित रूप से चुकाया गया है।
कंपनियों का कहना है कि पहले भी इस मामले में जांच हुई थी, जिसमें कोर्ट ने सभी आरोपों को तथ्यहीन पाते हुए विभागीय आदेश रद्द कर दिया था। उनका आरोप है कि हालिया जांच दल ने न तो उनकी खदानों का निरीक्षण किया और न ही किसी प्रतिनिधि से बात की। यह रिपोर्ट अनुमानित आंकड़ों पर आधारित है। कंपनियों ने खनिज विभाग के प्रमुख सचिव को पत्र लिखकर सुनवाई की मांग की, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।
जांच का आधार: उपग्रह डेटा और भारतीय खनन ब्यूरो की रिपोर्ट
कांग्रेस विधायक अभिजीत शाह और हेमंत कटारे ने मंगलवार को विधानसभा में यह सवाल उठाया था कि आशुतोष मनु दीक्षित की शिकायत पर क्या कार्रवाई हुई। सूत्रों के अनुसार, जांच दल ने उपग्रह डेटा और भारतीय खनन ब्यूरो की रिपोर्टों के आधार पर स्वीकृत मात्रा से अधिक और अवैध खनन की पुष्टि की है। प्रश्नकाल में अवैध खनन से जुड़े कुल चार सवाल उठाए गए थे।