Site icon SHABD SANCHI

Ayodhya: राम मंदिर में लगाया गया 42 फीट ऊंचा धर्म ध्वज दंड

ayodhya news

ayodhya news

Ram Mandir: अयोध्या में मंगलवार यानी कि वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य शिखर पर ध्वज दण्ड स्थापित किया गया। इसकी लम्बाई 42 फुट है। ध्वज दण्ड लगाने की प्रक्रिया शुभ मुहूर्त के अनुसार सुबह 6 बजकर 30 मिनट प्रारंभ हुई जो डेढ़ घंटे में यानी कि आठ बजे पूर्ण हुई। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने इसकी जानकारी दी।

Ayodhya Ram Mandir: वैशाख शुक्ल द्वितीया यानी कि मंगलवार, 29 अप्रैल को राम मंदिर में ध्वज दंड लगाया गया। गत दिनों इसके मुख्य शिखर पर कलश की स्थापना होने के बाद मंगलवार को धर्म ध्वज दंड की स्थापना कर दी गई है। इस ध्वज दंड की लंबाई 42 फीट और वजन लगभग साढे पांच टन है। ध्वज दंड लगने के बाद अब राम मंदिर की कुल ऊंचाई 201 फीट हो गई। धर्म ध्वज दंड लगने के बाद श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने पूजा की। वैदिक मंत्रोच्चार और हवन-पूजन किया गया।

राम मंदिर के मुख्य शिखर का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद 14 अप्रैल को इस पर कलश की स्थापना की गई थी। धर्म ध्वज दंड की स्थापना के बाद अब इसके प्रथम तल पर राम दरबार की स्थापना का कार्य अगले माह संपन्न होने की संभावना है।

10 फीट भाग जमीन के अंदर

मंगलवार को धर्म ध्वज दंड की स्थापना की प्रक्रिया सुबह 6:30 बजे प्रारंभ हुई जो आठ बजे तक पूर्ण हो गई। धर्म ध्वज दंड को दो क्रेनों के माध्यम से उठाकर सीधा किया गया, फिर टावर क्रेन के माध्यम से ध्वज दंड को क्षैतिज ले जाकर मुख्य शिखर पर स्थापित किया गया। इसका लगभग 10 फीट भाग अंदर समाया है।

ध्वज दंड की स्थापना के समय लार्सन एंड टुब्रो और टाटा कंसलटेंसी के अभियंताओं के साथ अहमदाबाद से आए विशेषज्ञ भी उपस्थित रहे, वहीं श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय, सदस्य डॉ अनिल मिश्रा व्यवस्थापक गोपाल राव सहित कई अन्य लोग साथ रहे। राम मंदिर के व्यवस्थापक गोपाल राव ने कहा कि अब परकोटे के मध्य स्थित देवी देवताओं के मंदिरों पर भी जल्द ही धर्म ध्वज दंड लगाए जाएंगे।

10 एकड़ में बनेगा शू रैक

राम मंदिर परिसर में 10 एकड़ भूमि में शू रैक बनेगा। जिसमें समान रखने के लिए लगभग 62 काउंटर होंगे। 10 एकड़ में ही साधना स्थल का निर्माण कराया जाएगा, जिसमें श्रद्धालु पूजा-पाठ कर सकेंगे। कुबेर टीला और साधना स्थल तक हरियाली होगी।

Exit mobile version