Uttarkashi Tunnel Rescue: उत्तराखंड के सिलक्यारा- डंडालगांव टनल (Silkyara-Dandalgaon Tunnel) में 12 नवंबर से फंसे 41 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है। NDRF की टीम ने 16 दिनों से फंसे मजदूरों को टनल से बाहर निकालने का काम किया है. मजदूरों को बाहर निकालने के लिए प्रशासन ने पहले से ही पूरी तैयारी रखी थी. साथ ही कई दिनों की मशक्क्त के बाद अब सरकार ने भी राहत की सांस ली है.
क्या-क्या व्यवस्था की थी सरकार ने
बता दें कि 12 नवंबर से टनल में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए अमेरिकी ऑगर ड्रिल मशीन की व्यवस्था की गई थी ताकि उन्हें जल्दी ही निकाला जा सके. उनके भोजन के लिए 6 इंच की पाइप से खाना भेजा जाता था.
मजदूरों को बाहर निकालने के लिए डॉक्टर्स की टीम पहले से ही टनल के बाहर मौजूद थी. इसके अलावा एयर एंबुलेंस की भी व्यवस्था की गई थी. साथ ही ऑक्सीज़न सिलेंडर भी साथ लाया गया था. मजदूरों के लिए 41 बेड का अस्पताल भी टनल के अंदर बनवाया गया था. ताकि किसी मजदूर को कोई समस्या होने पर उसकी जांच के साथ इलाज भी तुरंत हो सके. PMO के हस्तक्षेप के बाद दो हरक्यूलिस विमान भी वहां भेजे गए थे.
क्या कहा CM पुष्कर सिंह धामी ने?
मजदूरों के टनल से बाहर निकलने से पहले उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मौके पर पहुंचे। उन्होंने कहा ट्वीट कर कहा कि बाबा बौख नाग जी की असीम कृपा, करोड़ों देशवासियों की प्रार्थना एवं रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे सभी बचाव दलों के अथक परिश्रम के फलस्वरूप श्रमिकों को बाहर निकलने के लिए टनल में पाइप डालने का कार्य पूरा हो चुका है.
उत्तरकाशी टनल में फसने वाले 41 मजदूरों के नाम
टनल में 8 राज्यों के 41 मजदुर फसे थे. सबसे ज्यादा झारखंड के 15, उत्तर प्रदेश के 8, ओडिशा के 5 मजदुर थे.
झारखण्ड: विश्वजीत कुमार, सुबोध कुमार, अनिल बेदिया श्राजेद्र बेदिया, सुकराम, टिंकू सरदार, गुनोधर, रंजीत, रविन्द्, समीर,महादेव, भुक्त मुर्मू, चमरा उरांव,विजय होरो, गणपति
उत्तर प्रदेश: अखिलेश कुमार,अंकित,राम मिलन, सत्यदेव, संतोष, जय प्रकाश, राम सुंदर, मंजित
ओडिशा: तपन मंडल, भगवान बत्रा, विशेषर नायक, राजू नायक, धीरेन
बिहार: सबाह अहमद, वीरेंद्र किस्कू, सुशील कुमार, सोनू शाह, दीपक कुमार
पश्चिम बंगाल:मनिर तालुकदार, सेविक पखेरा, जयदेव प्रमाणिक
उत्तराखंड: गब्बर सिंह, नेगी पुष्कर
असम: संजय, रामप्रसाद
हिमाचल प्रदेश: विशाल
सुरंग के अंदर फंसे एक व्यक्ति के पिता को अपने बेटे के बाहर आने की खुसी पर कहा कि जो पौधा इतने दिनों से मेरा दबा था वो मिल गया.
सोशल मीडिया में Arnold Dix को पब्लिक शुक्रिया कह रही
Who Is Arnold Dix: उत्तरकाशी में टनल में फंसे मजदूरों को बचाने के इस अभियान में International Tunnel Expert ‘Arnold Dix’ एक हीरो साबित हुए हैं. इन्होने ने ही अपनी जान को जोखिम में डालते हुए 41 मजदूरों की जिंदगी को बचाया है. अर्नाल्ड डिक्स को सोशल मीडिया में भारत की जनता थैंक यूं कह रही है. Arnold Dix की तारीफ इस लिए भी हो रही है क्योंकि रेस्क्यू साईट के बाहर बने अस्थाई मंदिर में वे एक पुजारी के साथ पूजा करते दखाई दिए थे.
16 दिनों से एक टनल में फंसी 41 ज़िन्दगियों को रेस्क्यू टीम ने नया जीवन दिया है. देश के नेता और विदेशी
उत्तरकाशी टनल हादसे की कहानी
दरअसल 12 नवंबर को सुबह 5:30 बजे उत्तरकाशी में सिलक्यारा से बड़कोट के बीच बन रही निर्माणाधीन सुरंग में धंसाव हो गया था. यह घटना सुरंग के सिलक्यारा वाले हिस्से में 60 मीटर की दूरी में मलबा गिरने के कारण हुई थी. इसके बाद पाइपों के जरिए सुरंग सुरंग में फंसे हुए श्रमिकों को ऑक्सीज़न, पानी, भोजन, की आपूर्ति के साथ बचाव कार्य शुरू किया गया था. फंसे हुए मजदूरों से वॉकी-टॉकी के माध्यम से संचार स्थापित किया गया था. इसके साथ ही श्रमिकों को निकालने के लिए पांच योजनाओं पर काम किया गया.