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Gujarat Agnikand: एंट्री और एग्जिट के लिए मात्र एक गेट, काल के गाल में समा गए 35 लोग

gemzone hadsa

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Gujarat Gaming Zone Fire Accident: इस घटना में हुई इतनी बड़ी संख्या में मौत कई तरह के सवाल उठा रही है. लोग यह सवाल कर रहे हैं कि दिन के समय आखिर इतने सारे लोग आग में कैसे फंस गए कि उनकी जान चली गई. दरअसल यह पता चला है कि इस गेमिंग जोन में शनिवार 25 मई को 99 रुपये की साप्ताहिक स्कीम चलाई की गई थी.

Game Zone Fire Incident: गुजरात के राजकोट में टीआरपी शॉपिंग मॉल के अंदर बने एक गेमिंग जोन में आग लगने से जान गंवाने वाले लोगों की संख्या बढ़कर अब 35 पहुंच गई है. मृतकों में 10 बच्चे भी शामिल हैं. गुजरात में हुए इस भीषण हादसे को गुजरात हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है. ग्रीष्मकालीन अवकाश में सोमवार 27 मई को विशेष न्यायाधीश की बेंच बैठेगी जिसमें इस हादसे में हुई चूक और कार्रवाई पर जवाब तलब करेगी.

इस घटना में हुई इतनी बड़ी संख्या में मौत कई तरह के सवाल उठा रही है. लोग यह सवाल कर रहे हैं कि दिन के समय आखिर इतने सारे लोग आग में कैसे फंस गए कि उनकी जान चली गई. दरअसल यह पता चला है कि इस गेमिंग जोन में शनिवार 25 मई को 99 रुपये की साप्ताहिक स्कीम चलाई की गई थी. इस स्कीम की वजह से गेम जोन में बड़ी संख्या में बच्चों सहित परिजन भी कई लोग आए हुए थे. वहां 6 से 7 फ़ीट का एक गेट था जिससे लोग एंट्री और एग्जिट करते थे. ऐसे में आग भड़कने पर कई लोग समय रहते बाहर नहीं निकल पाए जिसकी वजह से आग उन्हें निगल गई.

इस हादसे के बाद सोशल मीडिया में एक अग्रीमेंट लेटर वायरल हो रहा है, जिसमें यह बताया गया है कि टीआरपी गेम जोन में आने वाले लोगों को एक फॉर्म भरने के लिए दिया जाता था. इसमें लिखा होता था कि यदि किसी भी व्यक्ति को कुछ भी होता है तो गेम ज़ोन उसका जिम्मेदार नहीं होगा. गेमजोन में किसी भी दुर्घटना या क्षति के लिए जिम्मेदार वह व्यक्ति स्वयं होगा. यदि गेमज़ोन में किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है या उसे चोट लगती है तो उसके लिए गेमज़ोन ऑपरेटर जवाबदेह नहीं होगा. इस फॉर्म पर साइन करने के बाद ही लोगों को अंदर जाने दिया जाता था.

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इस घटना पर पुलिस ने बताया कि ‘गेम जोन’ के मालिक और मैनेजर दोनों को हिरासत में ले लिया गया है और उनसे घटना के बारे में पूछताछ की जा रही है. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि शव बुरी तरह से जले हुए हैं जिसकी वजह से उनकी शिनाख्त करने में कई मुश्किलें आ रही हैं. इस वजह से शवों और परिजन के डीएनए सैंपल इकट्ठा किए गए हैं. इधर मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने भी रविवार 26 मई की सुबह नाना-मावा रोड पर घटनास्थल और उस अस्पताल का दौरा किया, जहां घायलों को भर्ती कराया गया है. सीएम ने इस हादसे की जांच के लिए 5 सदस्यीय एसआईटी गठित करने का आदेश दिया है. एसआईटी को 72 घंटे के भीतर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है. मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये और घायलों को 50,000 रुपये का मुआवजा देने की घोषणा भी की है.

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