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इटली से छुड़ाए गए 33 भारतीय कामगार

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इटली पुलिस ने इस मामले में दो भारतीयों की गिरफ्तारी भी की है. इनके पास से 4.17 करोड़ रुपए भी बरामद किए हैं. पुलिस का कहना है कि दोनों आरोपी अच्छी सैलरी का लालच देकर भारतीयों को इटली लेकर आए थे. उनके पास से जो भी रकम बरामद हुई है वह उन्हें सस्ते दाम में मजदूर मुहैया कराने के लिए मिले थे.

भारत के 33 नागरिकों को इटली में गुलामों की तरह बंधक बनाकर रखा गया. अमेरिकी मीडिया के अनुसार इटली के खेतों में भारतीयों से एक दिन में 10 घंटे से भी ज्यादा समय तक काम करवाया जाता है. न तो इन्हें कोई छुट्टी दी जाती, न ही समय से वेतन। जो भी थोड़ी-बहुत पैसे इन्हें दिए जाते थे उसे भी कई बार रख लिया जाता जाता था.

इटली पुलिस ने इस मामले में दो भारतीयों की गिरफ्तारी भी की है. इनके पास से 4.17 करोड़ रुपए भी बरामद किए हैं. पुलिस का कहना है कि दोनों आरोपी अच्छी सैलरी का लालच देकर भारतीयों को इटली लेकर आए थे. उनके पास से जो भी रकम बरामद हुई है वह उन्हें सस्ते दाम में मजदूर मुहैया कराने के लिए मिले थे.

अमेरिकी मीडिया के अनुसार कई भारतीयों से 11.78 करोड़ रुपए लिए गए थे. इसके बदले उन्हें परमानेंट वर्क परमिट देने के लालच भी दिया गया. कोई भी भारतीय भाग ना सके इसके लिए दोनों आरोपियों ने उनके पासपोर्ट छीन लिए थे. उन्हें खंडहर घरों में रखा जाता था. वहां से भागने पर उन्हें जान से मारने की धमकी दी जाती थी.

एक-चौथाई मजदूर मानव तस्करी के शिकार

इटली में पहले भी मजदूरों की तस्करी के कई मामले सामने आ चुके हैं. साल 2018 में इटली में की पुलिस ने बताया था कि देश में खेतों पर काम करने वाले एक-चौथाई मजदूर तस्करी कर लाए गए थे. इसके लिए एक गैंग तैयार की गई है. अमेरिकी मीडिया का कहना है कि इटली में 11% कामगार ब्लैक मार्केट के जरिए काम करते हैं. इनका किसी भी प्रकार से कोई रजिस्ट्रेशन नहीं है। ये सभी कामगार और इनके मालिक कोई टैक्स भी नहीं भरते हैं। जिसकी वजह से मानव तस्करी को बढ़ावा मिलता है.

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साल 2023 के मुताबिक इटली में लगभग 1 लाख 70 भारतीय रहते हैं. 2023 में यहां 8 हजार कामगार थे. साल 2025 तक यह संख्या 12 हजार तक हो जाएगी। दिसंबर 2023 में भारत और इटली के माइग्रेशन समझौते को पास किया गया था. इसके तहत भारत प्रत्येक वर्ष 20 हजार भारतीयों को इटली भेजेगा।

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