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26 November Constitution Day 2024 | संविधान क्या अकेले बाबा साहेब ने रचा?

26 November Constitution Day 2024 | संविधान क्या अकेले बाबा साहेब ने रचा?

26 November Constitution Day 2024 | संविधान क्या अकेले बाबा साहेब ने रचा?

26 November Constitution Day 2024 | Author: Jayram Shukla | बाबा साहब डा.भीमराव अंबेडकर को भारतीय संविधान का वास्तुकार माना जाता है, संविधान सभा में उनकी विद्वतायुक्त व तार्किक बहसों के आलोक में देखें तो यह बात अपनी जगह दुरुस्त है, लेकिन बड़ा प्रश्न यह कि इस समिति के उन शेष छः सदस्यों का नाम हमलोग क्यों भूल जाते हैं जिनकी विलक्षण मेधा व अथक परिश्रम भी संविधान निर्माण में शामिल है।

प्रारूप समिति के शेष सदस्यों में थे..सर्वश्री- कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी, मोहम्मद सादुल्लाह, अल्लादि कृष्णस्वामी अय्यर, गोपाळ स्वामी अय्यंगार, एन. माधव राव , टी.टी. कृष्णमाचारी।( बँटवारे के बाद मो. सादुल्लाह पाकिस्तान चले गए थे, एन माधवराव ने इस्तीफा दे दिया था)

भारतीय संविधान के इतिहास में ये महापुरुष भले ही संविधान निर्माता के तौर पर उल्लेखित हैं पर वर्तमान (वोटीय तुष्टीकरण के चलते) इनके साथ पापजन्य अन्याय कर रहा है।

संविधान निर्माण संयुक्त सहकार होने के वाबजूद प्रारूप समिति का अध्यक्ष होने के नाते इसके निर्माता होने का एकल श्रेय डा.अंबेडकर के खाते में डाल दिया जाता है। जबकि वास्तविकता में इस संविधान निर्माण की प्रक्रिया में सभी की बराबर की भागीदारी थी..। बाबा साहेब तो सिर्फ ‘फर्स्ट एमंग इक्वल’ थे।

सनद रहे कि 29 अगस्त 1947 के दिन संविधान सभा ने संविधान का मसौदा तैयार करने के लिए एक प्रारूप समिति का गठन किया था। 26 नवंबर,1949 को समिति ने संविधान का ड्राफ्ट संविधान सभा के सामने पेश किया। बाद में 26 जनवरी, 1950 को यह प्रभाव में आया और देश को अपना संविधान मिला।

भारतीय संविधान लिखने वाली सभा में 299 सदस्य थे जिसके अध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र प्रसाद थे। भारतीय संविधान को पूर्ण रूप से तैयार करने में 2 वर्ष, 11 माह, 18 दिन का समय लगा था।

पहली बार संविधान सभा की माँग सन-1895 में बाल गंगाधर तिलक ने उठाई थी। अंतिम बार (पाँचवी बार) 1938 में नेहरू जी ने संविधान सभा बनाने का निर्णय लिया।

संविधान सभा के सदस्य वयस्क मताधिकार के आधार पर अप्रत्यक्ष रूप से निर्वाचित हुए थे। जिनका चुनाव जुलाई 1946 में सम्पन्न हुआ था।

बँटवारे के बाद कुल सदस्यों (389) में से भारत में 299 ही रह गए। जिनमे 229 चुने हुए थे वहीं 70 मनोनीत थे। जिनमें कुल महिला सदस्यों की संख्या 15 , अनुसचित जाति के 26, अनुसूचित जनजाति के 33 सदस्य थे।

चित्र- संविधान तैयार करने की प्रारूप समिति..।

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