26 January Republic Day : आज देश में बाबा साहेब के संविधान को लागू हुए 75 साल पूरे हो गए हैं। देश इस बार 76वा गणतंत्र दिवस मना रहा है। गणतंत्र दिवस के समारोह पर हर बार एक थीम होती है। संविधान लागू होने के 75 वर्ष पूरे होने पर थीम ‘स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास’ रखी गई। दिल्ली के कर्तव्य पथ पर भारत पर्व मनाया गया जिसमें विशाल तिरंगे को लहराया गया। 76वें गणतंत्र दिवस पर आयोजित समारोह में इंडोनेशिया के वर्तमान राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो मुख्य अतिथि बने। क्या आप जानते हैं कि देश में पहले गणतंत्र दिवस की परेड कर्तव्य पथ पर नहीं बल्कि इस स्थान पर हुई थी।
यहाँ मनाया गया था पहला गणतंत्र दिवस
वह दिन जब देश में संविधान लागू हुआ और इसे उत्सव के तौर पर मनाने के लिए पहली बार गणतंत्र दिवस समारोह मनाया गया था। तब गणतंत्र दिवस की परेड कर्तव्य पथ पर नहीं बल्कि इरविन एम्फीथिएटर में आयोजित की गई थी। आज इरविन एम्फीथिएटर की जगह पर नेशनल स्टेडियम है। उस समय देश के पहले गणतंत्र दिवस समारोह में इंडोनेशिया के तत्कालीन राष्ट्रपति सुकर्णो को मुख्य अतिथि के रूप में बुलाया गया था। इंडोनेशिया से एक एक मार्चिंग दल और एक बैंड दल भी परेड में शामिल हुआ था।
![](https://shabdsanchi.com/wp-content/uploads/2025/01/609052.webp)
परीलोक सी दिख रही थी दिल्ली
देश को जब पहला राष्ट्रपति मिला था, तब 26 जनवरी 1950 को पहला गणतंत्र दिवस मनाया गया था। इरविन एम्फीथिएटर से भव्य परेड निकाली गई थी। उस रात को सभी प्रतिष्ठित सार्वजनिक इमारतें, पार्क और रेलवे स्टेशन रंग-बिरंगी रोशनी से चकाचौंध हो गए थे। राजधानी दिल्ली पूरी ‘परीलोक’ की तरह दिख रही थी। देश की उस रात का जिक्र फौजी अखबार ने अपने लेख ‘बर्थ ऑफ ए रिपब्लिक’ में किया था। यह लेख गणतंत्र दिवस के बाद 4 फ़रवरी को छपा था। जिसमें ‘गवर्नमेंट हाउस में ऊंचे गुंबदों और शानदार रोशनी वाले दरबार हॉल में आयोजित समारोह में भारत को एक संप्रभु डेमोक्रेटिक घोषित किया गया था।’
आज ही के दिन राजेंद्र प्रसाद बने थे राष्ट्रपति
26 जनवरी 1950 के दिन सुबह 10. 18 बजे भारत को गणतांत्रिक देश घोषित हुआ था। ठीक 6 मिनट के बाद डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी। तुरंत बाद 31 तोपों की सलामी के साथ की गई थी। तब राजेंद्र प्रसाद के शपथ ग्रहण समारोह में सेवानिवृत्त गवर्नर-जनरल सी राजगोपालाचारी ने ‘भारत, यानी भारत’ गणराज्य की उद्घोषणा पढ़ी थी। राष्ट्रपति ठीक 2:30 बजे 35 साल पुराने विशेष कोच में सवार होकर राज्य के गवर्नमेंट हाउस से बाहर निकले, जिसे राष्ट्रपति के अंगरक्षकों के साथ धीमी गति से चलने वाले छह मजबूत ऑस्ट्रेलियाई घोड़ों द्वारा खींचा गया।
महाराजा को उपहार में मिला था इरविन एम्फीथिएटर
जिस जगह पर देश ने पहले गणतंत्र दिवस की परेड देखी थी, वह इरविन एम्फीथिएटर भावनगर के तत्कालीन महाराजा को उपहार में मिला था। इसका निर्माण 1933 में हुआ था। इसका नाम भारत के पूर्व वायसराय लॉर्ड इरविन के नाम पर रखा गया था। इसी इरविन एम्फीथिएटर पर पहले गणतंत्र दिवस का आयोजन किया गया था। बाद में इस जगह पर राष्ट्रीय स्टेडियम बन गया और गणतंत्र दिवस का आयोजन राजधानी दिल्ली के कर्तव्य पथ (पहले राजघाट) में मनाया जाने लगा।
Also Read : Sabyasachi 25th Anniversary : ’25 साल के सब्यसाची’, रानी मुखर्जी ने दीपिका-अनन्या को छोड़ा पीछे