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2047 तक ऐसे विकसित होगा मध्यप्रदेश, सकल घरेलू उत्पाद 2 ट्रिलियन डॉलर का लक्ष्य, शिक्षा और ऊर्जा पर जोर

इंदौर। मध्यप्रदेश को वर्ष 2047 तक विकसित राज्य बनाने एवं प्रदेश के समग्र सामाजिक आर्थिक विकास के उद्देश्य से हितधारक परामर्श एवं जन सहयोग से विकसित मध्यप्रदेश 2047 दृष्टि पत्र को तैयार किया गया है। दृष्टि पत्र को धरातल पर वास्तविक रूप से साकार करने के लिए रोडमैप का मंत्रि-परिषद के सदस्यों के समक्ष सम्बंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों ने प्रेजेंटेशन दिया।

दरअसल इंदौर में विकसित मध्यप्रदेश 2047 दृष्टिपत्र पर मंत्रि-परिषद ने मंथन किया है। लोकमाता देवी अहिल्याबाई के आदर्शाे और मूल्यों अनुरूप विकसित मध्यप्रदेश बनाने के लक्ष्यों और प्रक्रिया पर सदस्यों की विस्तृत चर्चा हुई। वर्ष 2047 तक प्रदेश का समेकित विकास करते हुए सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) को 15.03 लाख करोड़ से बढ़ाकर 250 लाख करोड़ यानि की 2 ट्रिलियन डॉलर करने का लक्ष्य रखा गया है। साथ ही प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय को एक लाख 60 हजार रूपये से बढ़ाकर 22 लाख रूपये करने का भी लक्ष्य रखा गया है।

इस पर दिया गया प्रेजेंटेशन

दृष्टि पत्र में वर्ष 2047 में अल्पकालिक और दीर्घकालिक लक्ष्यों के बारे में विस्तृत रूप से मंत्रि-परिषद के सदस्यों को अवगत कराया गया। 8 थीमैटिक ग्रुप्स में उद्योग, कृषि एवं सम्बंधित क्षेत्र तथा वनोत्पाद, सेवाएं और अधोसंरचना एवं नगरीय विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य, सुशासन एवं नागरिक सेवाओं का प्रदाय और वित्तीय नियोजन एवं संवर्धन पर प्रेजेंटेशन दिया गया। मंत्रि-परिषद के सदस्यों ने सभी विषयों पर विस्तार से चर्चा की।

मंत्रि-परिषद के सदस्यों को बताया गया कि मध्यप्रदेश 2047 दृष्टिपत्र के क्रियान्वयन के लिए उच्च स्तरीय क्रियान्वयन समिति का गठन किया जायेगा। राज्य के सभी विभागों की योजनाओं, लक्ष्यों एवं कार्य बिंदुओं की डिजिटल ट्रैकिंग की जाएगी। साथ ही लाइव डैशबोर्ड भी बनाया जाएगा।

शत-प्रतिशत साक्षरता, नवकरणीय ऊर्जा को 75 प्रतिशत तक ले जाने का लक्ष्य

मध्यप्रदेश 2047 दृष्टिपत्र अनुसार वर्तमान में राज्य की अर्थव्यवस्था कृषि आधारित है। सकल घरेलू उत्पाद में कृषि 43 प्रतिशत, सेवाएं 36 और उद्योग 21 प्रतिशत योगदान देते हैं। वर्ष 2047 तक उद्योगों और स्टार्ट-अप को बढ़ावा देकर, रोजगार के अवसर सृजित कर अर्थव्यवस्था को संतुलित करते हुए जीडीपी में कृषि का योगदान 24-28 प्रतिशत, उद्योग का योगदान 21-25 प्रतिशत और सेवाओं का योगदान 49-53 प्रतिशत तक लाने का प्रयास किया जायेगा। सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्र में कार्य करते हुए प्रति व्यक्ति औसत आयु को 67.4 वर्ष से बढ़ाकर वर्ष 2047 तक 84 वर्ष से अधिक करने का लक्ष्य रखा गया। साथ ही साक्षरता दर को 75.2 प्रतिशत से बढ़ाकर वर्ष 2047 तक 100 प्रतिशत करने का प्रयास किया जाएगा। ऊर्जा के क्षेत्र में कुल ऊर्जा स्त्रोत में नवकरणीय ऊर्जा का प्रतिशत 22.5 से बढ़ाकर 75 प्रतिशत से अधिक किया जाएगा।

अपर मुख्य सचिव संजय कुमार शुक्ला ने बताया कि दृष्टि पत्र में वर्ष 2047 में एक समृद्ध मध्यप्रदेश की परिकल्पना की गयी है जो कि सभी के सामूहिक प्रयासों से संपन्न, सुखद और सांस्कृतिक मध्यप्रदेश की नींव पर निर्मित होगा।

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