Rewa Central Jail News: रीवा: स्वतंत्रता दिवस के शुभ अवसर पर मध्य प्रदेश सरकार ने मानवीय और सुधारवादी दृष्टिकोण के तहत रीवा केंद्रीय जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे 18 बंदियों को रिहा करने का निर्णय लिया है। इन बंदियों को 15 अगस्त को जेल से रिहा किया जाएगा। रीवा केंद्रीय जेल के अधीक्षक एस.के. उपाध्याय ने बताया कि राज्य सरकार के नियमों के अनुसार, अच्छे आचरण वाले बंदियों की रिहाई के लिए जिला स्तरीय समिति के समक्ष प्रस्ताव रखा गया था। समिति की अनुशंसा पर 18 पुरुष और एक महिला बंदी को रिहा करने का आदेश प्राप्त हुआ है।
जेल अधीक्षक ने बताया कि रिहाई के लिए पात्र 19 बंदियों में से एक बंदी, टहलू पाव उर्फ रामटहल पाव, द्वारा एक लाख रुपये के जुर्माने की राशि जमा नहीं करने के कारण उनकी रिहाई अभी संभव नहीं होगी। उन्हें आजीवन कारावास की सजा से मुक्त किया जाएगा, लेकिन जुर्माने की सजा के तौर पर दो वर्ष तक जेल में रहना होगा। शेष 18 बंदियों को स्वतंत्रता दिवस पर रिहा किया जाएगा। इनमें रीवा, सीधी, सिंगरौली और उमरिया जिले के दो-दो, अनूपपुर जिले का एक और शहडोल जिले के नौ बंदी शामिल हैं।
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रिहा होने वाले बंदियों के नाम
रिहा होने वाले बंदियों में मुन्ना साहू (हनुमना, रीवा), पप्पू उर्फ माधव (अमलई, शहडोल), भानू वासुदेव (अमलई, शहडोल), राजा विश्वकर्मा (चुरहट, सीधी), सचिन नामदेव (कोतमा, अनूपपुर), कल्याण सिंह उर्फ मुन्ना सिंह (बुढ़ार, शहडोल), सिन्टू बैगा (पाली, उमरिया), शैलेन्द्र सिंह उर्फ शेलू (रायपुर कर्चुलियान, रीवा), रविशंकर उर्फ रवि (बुढ़ार, शहडोल), रामाधीन साकेत (जियावन, सिंगरौली), शिवदयाल सिंह गोंड (गोहपारू, शहडोल), कतकू पाव (जैतपुर, शहडोल), शंकर सिंह (उमरिया), भारत सिंह गोंड (जैतपुर, शहडोल), हरिदीन (जैतपुर, शहडोल), सुरेश यादव (कोतवाली, सीधी), हिरिया बाई (जयसिंह नगर, शहडोल) और जागेश्वर प्रसाद साहू (बैढ़न, सिंगरौली) शामिल हैं।
परिजनों को दी गई सूचना
जेल प्रशासन ने सभी रिहा होने वाले बंदियों के परिजनों को इसकी सूचना दे दी है। रिहाई की प्रक्रिया को सुचारू रूप से संपन्न करने के लिए जेल प्रशासन ने तैयारियां पूरी कर ली हैं। यह कदम मध्य प्रदेश सरकार की उस नीति का हिस्सा है, जो बंदियों को समाज में पुनः एकीकरण का अवसर प्रदान करने और उनके सुधार पर जोर देती है।
मुख्यमंत्री के नेतृत्व में सुधारवादी पहल
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में यह निर्णय स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर समाज में सकारात्मक बदलाव लाने और बंदियों को नया जीवन शुरू करने का अवसर देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। यह पहल न केवल बंदियों और उनके परिवारों के लिए आशा की किरण है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि सरकार सुधार और पुनर्वास के प्रति प्रतिबद्ध है। स्वतंत्रता दिवस पर यह रिहाई नशामुक्त भारत अभियान और अन्य सामाजिक पहलों के साथ मिलकर समाज में जागरूकता और सकारात्मकता का संदेश देगी। यह कदम मध्य प्रदेश के लिए गर्व का विषय है, जो दर्शाता है कि स्वतंत्रता का अर्थ केवल शारीरिक मुक्ति नहीं, बल्कि सामाजिक और नैतिक उत्थान भी है।