Sansad Ratna Award : भर्तृहरि महताब और रवि किशन समेत 17 सांसदों और दो संसदीय स्थायी समितियों को संसद रत्न पुरस्कार 2025 के लिए चुना गया है। इन पुरस्कारों की शुरुआत प्राइम प्वाइंट फाउंडेशन ने की थी। ये पुरस्कार सांसदों को संसद में उनके योगदान के लिए दिए जाते हैं। पुरस्कार विजेताओं का चयन राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (एनसीबीसी) के अध्यक्ष हंसराज अहीर की अध्यक्षता वाली जूरी समिति ने किया।
सांसदों ने दिया उत्कृष्ट योगदान महताब।
सुप्रिया सुले (एनसीपी शरदचंद्र पवार), एनके प्रेमचंद्रन (क्रांतिकारी समाजवादी पार्टी) और श्रीरंग अप्पा बारने को संसदीय लोकतंत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए पुरस्कार दिया जाएगा। फाउंडेशन की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि ये चारों सांसद 16वीं और 17वीं लोकसभा के दौरान शीर्ष प्रदर्शन करने वाले सांसद थे। वे अपने मौजूदा कार्यकाल में भी यही कर रहे हैं।
रिपोर्ट के आधार पर मिला पुरस्कार। Sansad Ratna Award
अन्य पुरस्कार विजेताओं में स्मिता वाघ (भाजपा), अरविंद सावंत (यूबीटी), नरेश गणपत म्हस्के (शिवसेना), वर्षा गायकवाड़ (कांग्रेस), मेधा कुलकर्णी (भाजपा), प्रवीण पटेल (भाजपा), रवि किशन (भाजपा), निशिकांत दुबे (भाजपा), विद्युत बरन महतो (भाजपा), पीपी चौधरी (भाजपा), मदन राठौर (भाजपा), सीएन अन्नादुरई (द्रविड़ मुनेत्र कड़गम) और दिलीप सैकिया (भाजपा) शामिल हैं।
विभाग से संबंधित दो स्थायी समितियों – वित्त और कृषि – को भी संसद में प्रस्तुत उनकी रिपोर्ट के आधार पर पुरस्कार के लिए चुना गया है। वित्त संबंधी स्थायी समिति महताब की अध्यक्षता वाली एक संसदीय स्थायी समिति है, जबकि कृषि संबंधी स्थायी समिति की अध्यक्षता कांग्रेस के चरणजीत सिंह चन्नी करते हैं।
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