विश्व हिंदू परिषद के संतोष शर्मा ने मीडिया से चर्चा में बताया कि सभी 18 लोगों का खजराना गणेश मंदिर में शुद्धिकरण किया गया। सभी ने भगवान गणेश के दर्शन कर सनातन और हिंदू धर्म के प्रति अपनी आस्था जताई। सभी लोगों ने कलेक्टर कार्यालय में शपथ पत्र देकर सूचना दे दी है।
इंदौर के खजराना गणेश मंदिर में गुरुवार 18 जुलाई को 14 लोगों ने हिंदू धर्म अपना लिया है। इसके अलावा चार लोगों ने घर वापसी की है। हिंदू धर्म अपनाने वालों में युवतियां भी शामिल हैं। सभी ने खजराना गणेश मंदिर में दर्शन कर इस्लाम छोड़कर को छोड़कर हिंदू धर्म दीक्षा ली. महिलाओं ने इस्लाम में फैली कुरीतियों के बारे में भी जानकारी भी दी। हिंदू धर्म अपनाने वालों में अधिकांश खजराना क्षेत्र के रहने वाले हैं, जबकि दो लोग मंदसौर के रहने वाले हैं। महिलाओं ने बताया कि इस्लाम की कुरीतियों से परेशान होकर उन्होंने परिवार ही नहीं पति को भी छोड़ दिया।
विश्व हिंदू परिषद के संतोष शर्मा ने मीडिया से चर्चा में बताया कि सभी 18 लोगों का खजराना गणेश मंदिर में शुद्धिकरण किया गया। सभी ने भगवान गणेश के दर्शन कर सनातन और हिंदू धर्म के प्रति अपनी आस्था जताई। सभी लोगों ने कलेक्टर कार्यालय में शपथ पत्र देकर सूचना दे दी है। शाजिया से सपना बनी युवती ने कहा मुझे हिंदू धर्म बहुत अच्छा लगता है। एक महिला ने बताया कि उसे बचपन से ही मंदिर जाना अच्छा लगता था। उसे बचपन से हिंदू धर्म अच्छा लगता है। उसने बिना किसी के दबाव के हिंदू धर्म अपनाया है। मरियम से आश्रिता बनी महिला ने बताया कि मैरे पति ने भी हिंदू धर्म अपनाया है, इसलिए मैंने पति के साथ हिंदू धर्म अपनाया है।
एक महिला ने बताया कि मंदिरों में महिलाओं को भी पूजा करते देख अच्छा लगता था। लेकिन इस्लाम में महिलाओं के मस्जिद जाने पर मनाही है, यह जो कि मुझे बहुत बुरा लगता था। हिंदुओं के घर में होने वाले पूजा-पाठ देखकर मुझे भी अपने घर में ऐसे ही पूजा पाठ कराने की इच्छा होती थी।
14 लोगों ने अपनाया हिन्दू धर्म सभी को नया नाम भी मिला
अबेल मसीह से भरत, अयाना से प्रसंशा, समीर से सावन, सोफिया से भूमिका, शाजिया से सपना, अलफीजा से आलिया, आमिना से अमृता, अदनान शाह से आरव, आरजू से एलीना, तरन्नुम बी से तमन्ना, मुमताज बी से मीना, अफसाना से आरती, मरियम से आश्रिता और मुबारक शाह से मुकेश।
शुद्धिकरण के बाद करने लगे पूजा-पाठ
अनीता, महिमा, राकेश, अभिषेक ने हिन्दू धर्म में अपनी घर वापसी की. मीडिया से बात करते हुए इन्होंने बताया कि हम पहले मुस्लिम रीति-रिवाज मानने लगे थे, लेकिन शुद्धिकरण के बाद पूजा-पाठ करने लगे.