मध्यप्रदेश में पोस्ट एमबीबीएस डीएनबी/पीजी डिप्लोमा की 12 नई सीटें को एनबीईएमएस द्वारा मान्यता मिल गई है।
उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन इन मेडिकल साइंसेज़, नई दिल्ली द्वारा प्रदेश के विभिन्न जिला चिकित्सालयों में पोस्ट एमबीबीएस डीएनबी/पीजी डिप्लोमा पाठ्यक्रम की 12 नई सीटों को मान्यता पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि यह पहल प्रदेश में विशेषज्ञ डॉक्टरों की उपलब्धता सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य है कि राज्य के सभी जिलों में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं आमजन तक सुगमता से पहुंचें। इन नई सीटों से भविष्य में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी को दूर करने में मदद मिलेगी और ग्रामीण तथा दूरस्थ अंचलों में भी गुणवत्तापूर्ण उपचार सुलभ हो सकेगा।
उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने कहा कि प्रदेश सरकार स्वास्थ्य सेवाओं के समग्र सुधार के लिए प्रतिबद्ध है। जिला अस्पतालों को चिकित्सा शिक्षा के प्रशिक्षण केंद्र के रूप में सशक्त किया जा रहा है, जिससे न केवल युवा चिकित्सकों को अवसर मिलेगा, बल्कि अस्पतालों में सेवाओं की गुणवत्ता भी सुदृढ़ होगी। उन्होंने कहा कि यह मान्यता राज्य सरकार द्वारा जिला अस्पतालों में बुनियादी ढांचे के सशक्तिकरण, मानव संसाधन की नियुक्ति और प्रशिक्षण की निरंतर प्रक्रिया का परिणाम है। सरकार का लक्ष्य है कि भविष्य में प्रत्येक जिला चिकित्सालय एक अत्याधुनिक उपचार और प्रशिक्षण केंद्र के रूप में विकसित हो।
स्वास्थ्य क्षेत्र में विशेषज्ञ चिकित्सकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से मध्यप्रदेश सरकार को एक और महत्वपूर्ण सफलता मिली है। एनबीईएमएस, नई दिल्ली द्वारा प्रदेश के विभिन्न जिला चिकित्सालयों में पोस्ट एमबीबीएस डीएनबी/पीजी डिप्लोमा पाठ्यक्रम की 12 नई सीटों को मान्यता प्रदान की गई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार जिला अस्पताल शिवपुरी में डीजीओ (डिप्लोमा इन गाइनेकोलॉजी एंड ऑब्सटेट्रिक्स) की 4 सीटें एवं डीए (डिप्लोमा इन एनेस्थीसिया) की 2 सीटें, जिला अस्पताल रतलाम में डीओ (डिप्लोमा इन ऑप्थाल्मोलॉजी) की 2 सीटें तथा जिला अस्पताल भोपाल में डीजीओ की 4 नई सीटों को एनबीईएमएस द्वारा मान्यता दी गई है। इस मान्यता के साथ ही प्रदेश में पोस्ट एमबीबीएस डीएनबी/पीजी डिप्लोमा पाठ्यक्रमों की कुल सीटों की संख्या बढ़कर 63 हो गई है।