Maratha Military Landscape In World Heritage Site: छत्रपति शिवाजी महाराज से जुड़े 12 ऐतिहासिक किलों को यूनेस्को ने अपनी विश्व धरोहर सूची में शामिल किया है। इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि यह सम्मान हर भारतीय के लिए गर्व का क्षण है।
Maratha Military Landscape In World Heritage Site: भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को एक और वैश्विक सम्मान प्राप्त हुआ है। यूनेस्को ने ‘मराठा सैन्य परिदृश्य’ (Maratha Military Landscapes) को अपनी विश्व धरोहर सूची में शामिल किया है। इसमें मराठा साम्राज्य के 12 ऐतिहासिक किलों को स्थान दिया गया है, जिनमें 11 महाराष्ट्र और 1 तमिलनाडु में स्थित है। यह भारत की 44वीं संपत्ति है, जो यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल हुई है।
मराठा सैन्य परिदृश्य की विशेषताएं
‘मराठा सैन्य परिदृश्य’ को वर्ष 2024-25 के लिए यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में नामांकित किया गया था। इसमें शामिल 12 किले हैं: महाराष्ट्र के सालहेर किला, शिवनेरी किला, लोहगढ़, खंडेरी किला, रायगढ़, राजगढ़, प्रतापगढ़, सुवर्णदुर्ग, पन्हाला किला, विजयदुर्ग, सिंधुदुर्ग और तमिलनाडु का जिंजी किला। ये किले सह्याद्री पर्वत श्रृंखलाओं, कोंकण तट, दक्कन पठार और पूर्वी घाट के विविध भौगोलिक क्षेत्रों में फैले हैं, जो मराठा शासकों की रणनीतिक सैन्य शक्ति और किलेबंदी की असाधारण प्रणाली को दर्शाते हैं।
मराठा किलों का गौरवशाली इतिहास
17वीं से 19वीं शताब्दी के बीच विकसित ये किले मराठा साम्राज्य की सैन्य रणनीति, स्थापत्य कला और पर्यावरण के साथ सामंजस्य का प्रतीक हैं। इनमें से आठ किले—शिवनेरी, लोहगढ़, रायगढ़, सुवर्णदुर्ग, पन्हाला, विजयदुर्ग, सिंधुदुर्ग और जिंजी—भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा संरक्षित हैं, जबकि सालहेर, राजगढ़, खंडेरी और प्रतापगढ़ महाराष्ट्र सरकार के पुरातत्व और संग्रहालय निदेशालय द्वारा संरक्षित हैं। ये किले पहाड़ी, तटीय, द्वीपीय और पहाड़ी-पठारी श्रेणियों में विभाजित हैं, जो मराठा सैन्य दृष्टिकोण की विविधता को प्रदर्शित करते हैं।
मराठा सैन्य विचारधारा की नींव 17वीं शताब्दी में छत्रपति शिवाजी महाराज द्वारा रखी गई, जो 1818 तक पेशवा शासन के दौरान चली। ये किले न केवल सैन्य शक्ति, बल्कि सुशासन, सांस्कृतिक गौरव और सामाजिक कल्याण के प्रतीक हैं।
यह सम्मान हर भारतीय के लिए गर्व का क्षण-पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस उपलब्धि पर गर्व व्यक्त करते हुए कहा, “मराठा सैन्य परिदृश्य का यह सम्मान हर भारतीय के लिए गर्व का क्षण है। ये किले मराठा साम्राज्य के सुशासन, सैन्य शक्ति और सांस्कृतिक गौरव को दर्शाते हैं। मैं सभी से इन किलों को देखने और मराठा इतिहास को जानने का आह्वान करता हूं।” उन्होंने अपनी 2014 की रायगढ़ यात्रा को याद करते हुए छत्रपति शिवाजी महाराज को नमन किया।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इसे भारत और महाराष्ट्र के लिए ऐतिहासिक क्षण बताया और संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को उनके प्रयासों के लिए धन्यवाद दिया। शेखावत ने कहा कि यह सम्मान भारत की प्राचीन सभ्यता और मराठा स्थापत्य की उत्कृष्टता को रेखांकित करता है।
पर्यटन को बढ़ावा
इन किलों के यूनेस्को विश्व धरोहर में शामिल होने से महाराष्ट्र और तमिलनाडु में पर्यटन को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। रायगढ़, शिवनेरी, लोहगढ़ जैसे किले मराठा शौर्य की कहानियां बयां करते हैं और पर्यटकों को ऐतिहासिक समृद्धि से रूबरू कराते हैं।