ओंकारेश्वर के ओंकार पर्वत में दुनिया की सबसे विशाल जगद्गुरु आदिशंकराचार्य की 108 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण हुआ. एमपी सीएम शिवराज सिंह चौहान ने स्वामी अवधेशानंद गिरी सहित 5 हजार साधु-संतों की मौजूदगी में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच प्रतिमा का अनावरण किया।
Statue Of Oneness: मध्य प्रदेश का ओंकारेश्वर वैदिक मंत्रोच्चार से गूंज उठा. गुरुवार 21 सितंबर को ओंकार पर्वत में स्थापित शिवावतार जगद्गुरु आदिशंकराचार्य जी की 108 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण संपन्न हुआ. प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने 5 हजार संतों की मौजूदगी में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच 75 फीट की एलिवेटर से चढ़कर प्रतिमा का अनावरण किया। इस दौरान CM Chuahan ने अद्वैत लोक की आधारशिला रखी जिसका निर्माण 2026 तक पूरा हो जाएगा।
दुनिया की सबसे ऊंची आदिशंकराचार्य की प्रतिमा
ओंकारेश्वर के ओंकार पर्वत में स्थापित की गई ‘आदिशंकराचार्य’ की प्रतिमा की ऊंचाई 108 फीट है. इसे 75 फीट ऊंचे प्लेटफार्म में स्थपित किया गया है. प्रतिमा का वजन 100 टन है जिसे 88% कॉपर, 4% ज़िंक और 8% टिन से बनाया गया है. इसके 290 पैनल एलएंडटी जेटीक्यू चाइना से तैयार किए हैं. इन्हे ओंकारेश्वर लाकर जोड़ा गया है.
‘स्टैच्यू ऑफ वननेस’ का नाम दिया गया
ओंकार पर्वत में स्थापित आदिशंकराचार्य की प्रतिमा को ‘स्टैच्यू ऑफ वननेस’ (Statue Of Oneness) का नाम दिया गया है, यानी एकात्मकता का प्रतीक। प्रतिमा के अनावरण कार्यक्रम को ‘ब्रह्मोत्सव’ नाम दिया गया है. ब्रह्मोत्सव में 5 हजार साधु-संत जुड़े हैं.
अद्वैत लोक को बनने में दो साल लगेंगे
शिवराज सिंह चौहान ने प्रतिमा का अनावरण करने के बाद ओंकार पर्वत में बन रहे अद्वैत लोक का भी भूमिपूजन किया। सीएम ने मौके पर ही अद्वैत लोक की आधारशिला स्थापित की. ओंकार पर्वत की 11.5 हेक्टेयर जमीन पर अद्वैत लोक का निर्माण किया जा रहा है. यहीं पर आदिगुरु शंकराचार्य की प्रतिमा स्थापित हुई है. यहां शंकर संग्रहालय और आचार्य शंकर अंतराष्ट्रीय अद्वैत वेदांत संसथान की स्थापना की जा रही है. अद्वैत लोक को निर्माण 2026 तक पूरा होगा।
112 फीट की रुद्राक्ष माला लाई गई
ओंकारेश्वर में स्थापित स्टैचू ऑफ़ वननेस के अनावरण के लिए श्रृंगेरी शारदा पीठ से 112 फीट की 10 हजार रुद्राक्षों से गुथी माला मंगाई गई है. शिवराज सिंह चौहान ने कहा- ‘आज आधिगुरु फिर पधार गए हैं। उनके चरणों में प्रणाम। उपयुक्त अवसर पर यह माला आदिगुरु को पहनाई जाएगी। अभी सुरक्षित रखते हैं।’ मठ की ओर से पादुका भी आएगी। शृंगेरी शारदा पीठ कर्नाटक में चिकमगलूर जिले के श्रृंगेरी में है।