Manipur Encounter: सेना की पूर्वी कमान ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर जानकारी साझा करते हुए बताया कि न्यू समताल गांव में सशस्त्र उग्रवादियों की आवाजाही की विशेष खुफिया सूचना मिली थी। इसके आधार पर स्पीयर कोर के तहत असम राइफल्स की एक यूनिट ने 14 मई को अभियान शुरू किया। अभियान के दौरान उग्रवादियों ने सैनिकों पर गोलीबारी शुरू कर दी, जिसके जवाब में सेना ने कार्रवाई की
मणिपुर के चंदेल जिले में 14 मई को असम राइफल्स ने एक बड़े ऑपरेशन में 10 उग्रवादियों को मार गिराया। यह कार्रवाई भारत-म्यांमार सीमा के पास खेंगजॉय तहसील के न्यू समताल गांव में हुई, जो लंबे समय से उग्रवादी गतिविधियों का केंद्र रहा है। सेना की पूर्वी कमान ने इस ऑपरेशन को खुफिया जानकारी के आधार पर अंजाम दिया, जिसमें भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद भी बरामद किए गए।
उग्रवादियों ने सैनिकों पर गोलीबारी की
सेना की पूर्वी कमान ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर जानकारी साझा करते हुए बताया कि न्यू समताल गांव में सशस्त्र उग्रवादियों की आवाजाही की विशेष खुफिया सूचना मिली थी। इसके आधार पर स्पीयर कोर के तहत असम राइफल्स की एक यूनिट ने 14 मई को अभियान शुरू किया। अभियान के दौरान उग्रवादियों ने सैनिकों पर गोलीबारी शुरू कर दी, जिसके जवाब में सेना ने कार्रवाई की। इस मुठभेड़ में 10 उग्रवादी ढेर हो गए।
अधिकारियों के अनुसार, ऑपरेशन अभी भी जारी है, क्योंकि इलाके में अन्य उग्रवादियों के छिपे होने की आशंका है। इस कार्रवाई में किसी भी जवान के हताहत होने की कोई खबर नहीं है, जो सुरक्षाबलों की रणनीतिक सफलता को दर्शाता है।
उग्रवादी गतिविधियों का गढ़ बना न्यू समताल
चंदेल जिला, जो भारत-म्यांमार सीमा से सटा हुआ है, सुरक्षा के लिहाज से अत्यंत संवेदनशील माना जाता है। न्यू समताल गांव दशकों से मणिपुर के प्रतिबंधित उग्रवादी समूहों के लिए पारगमन केंद्र के रूप में कुख्यात रहा है। इस क्षेत्र का उपयोग अवैध गतिविधियों, जैसे हथियारों की तस्करी और उग्रवादी प्रशिक्षण शिविरों के लिए किया जाता रहा है।
हथियार और गोला-बारूद बरामद
इस ऑपरेशन में सुरक्षाबलों ने उग्रवादियों के कब्जे से बड़ी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किए। हालांकि, बरामद सामग्री का विस्तृत विवरण अभी सार्वजनिक नहीं किया गया है। यह बरामदगी मणिपुर में उग्रवादी गतिविधियों को कमजोर करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
मणिपुर लंबे समय से उग्रवादी गतिविधियों और जातीय हिंसा से जूझ रहा है। विशेष रूप से मैतेई और कुकी समुदायों के बीच तनाव ने राज्य में अस्थिरता को बढ़ाया है। 2023 से शुरू हुई हिंसा, जिसमें 200 से अधिक लोग मारे गए और हजारों विस्थापित हुए, ने उग्रवादी समूहों को और सक्रिय कर दिया है। चंदेल जैसे सीमावर्ती क्षेत्रों में उग्रवादी संगठन अक्सर म्यांमार की सीमा का उपयोग अपनी गतिविधियों के लिए करते हैं।
इस ऑपरेशन को मणिपुर में शांति बहाली की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। हाल के महीनों में सुरक्षाबलों ने उग्रवादियों के खिलाफ अपनी कार्रवाइयों को तेज किया है, जिसमें गिरफ्तारियां और हथियारों की बरामदगी शामिल है।