1 November History In Hindi: “1 नवंबर” यह तारीख भारत के इतिहास का बहुत ही महत्वपूर्ण दिन है। आज ही के दिन राज्य पुर्नगठन आयोग द्वारा 6 नए राज्यों का गठन भाषाई आधार पर हुआ था।
यह तारीख भारतीय इतिहास का वो महत्वपूर्ण दिन है जिसे कभी भुलाया नही जा सकता। आज से 67 वर्ष पूर्व से लेकर वर्ष 2000 तक आज ही के दिन भारत के पटल पर 6 नए राज्यों का उदय हुआ था।
आज ही के दिन देश के 6 अलग-अलग राज्यों में एकसाथ खुशी का महौल होता है और बड़े ही धूम-धाम से ये राज्य अपना स्थापना दिवस मनाते हैं। इन राज्यों में मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, केरल, कर्नाटक, पंजाब और हरियाणा का नाम शामिल है। इन 6 राज्यों के अलावा देश की राजधानी दिल्ली को भी आज ही के दिन 1956 में केन्द्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया था।
आइये जानते है इन राज्यों के पुर्नगठन की पूरी कहानी…
भारत का हृदय कहे जाने वाले प्रदेश मध्यप्रदेश का आज 68वां स्थापना वर्षगांठ है। जब देश 1947 में आजाद हुआ तो, 26 जनवरी 1950 के दिन भारतीय गणराज्य के गठन के साथ कई और अन्य रियासतें थी जिसकी सैंकड़ों में संख्या थी जिसका विलय संघ में किया गया था।
राज्यों के भाषाई आधार पर पुर्नगठन के साथ ही सभी सीमाओं को भी तर्कसंगत बनाया गया। सन् 1950 में पुर्व ब्रिटिश प्रांत और मकराई, बरार के राजसी राज्य और छत्तीसगढ़ को मिलाकर नए प्रदेश मध्यप्रदेश का निर्माण किया गया और नागपुर को राजधानी घोषित किया गया। मध्य भारत, विंध्य प्रदेश और भोपाल जैसी नए राजयों का गठन 1950 में सेंट्रल इंडिया एजेंसी द्वारा किया गया। फिर वर्ष 1956 का आया जब मध्य भारत, विंध्यप्रदेश और भोपाल इन तीनों राज्यों का विलय मध्यप्रदेश के साथ कर दिया गया जिसकी राजधानी भोपाल को बनाया गया।
छत्तीसगढ़
प्रभु श्रीराम का ननिहाल कहा जाने वाला प्रदेश छत्तीसगढ़ जिसका प्राचीन नाम “दक्षिण कौशल था। 36 गढ़ों को अपने में समाहित रखने की वजह से इसे छत्तीसगढ़ कहा जाता था। छत्तीसगढ़ भारत का 26वां राज्य है जिसका उदय 1 नवंबर 2000 में हुआ। छत्तीसगढ़ सन् 1947 में आजादी के समय मध्यप्रांत का हिस्सा था।
पहली बार इस प्रांत से अलग होने का प्रस्ताव सन् 1953 में रायपुर विद्यायक ठाकुर रामकृष्ण सिंह द्वारा विधानसभा में रखा गया। यही मांग लंबे समय तक अन्य नेताओं ने वर्षों तक जारी रखा और फिर 1 मई 1998 को मध्यप्रदेश विधानसभा में छत्तीसगढ़ निर्माण के लिए शासकीय संकल्प पारित किया गया।
25 जुलाई को श्री लालकृष्ण आडवानी द्वारा लोकसभा में विधेयक प्रस्तुत किया जो 31 जुलाई 2000 को पारित होगया फिर 3 अगस्त 2000 को इस विधेयक को राजयसभा में प्रस्तुत किया गया जो 9 अगस्त को पारित किया गया, फिर इसे 25 अगस्त 2000 को तत्कालीन राष्ट्रपति के आर नारायण ने मध्यप्रदेश राज्य पुर्नगठन अधिनियम का अनुमोदित किया और ऐसे ही 1 नवंबर 2000 को भारतीय संविधान के आर्टिकल 3 के तहत नए राज्य के रुप में छत्तीसगढ की स्थापना हुई।
केरल
केरल भारत एक प्रांत है जो भारत के दक्षिण में अंतिम छोर पर स्थित है जिसकी राजधानी त्रिवंतपुरम है। यहां की प्रमुख भाषा मलयालम है। जुलाई 1949 में त्रिवितानकुर और कोच्चिन रियासतों को मिलाकर तिरुकोच्ची राज्य बनाया गया। उस वक्त मालाबार प्रदेश मद्रास राज्य ( तामिलनाडु ) का एकमात्र जिला था। नवंबर 1956 में मालबार प्रदेश को तिरुकोच्चि के साथ जोड़ा गया और फिर इसी तरह नए राज्य केरल का उदय हुआ। केरल के पौराणिक इतिहास की बात करें तो पौराणिक कथाओं के अनुसार परशुराम ने अपना परशु समुद्र में फेंका और उसी आकार की धरती समुद्र से बाहर निकली जिसके बाद से केरल अस्तित्व में आया।
कर्नाटक
1947, आजादी के ठीक 6 वर्ष बाद साल 1953 में जब आंध्र प्रदेश बना तो मद्रास के कई जिलों को मैसूर में मिला दिया गया। मद्रास के कई जिलों को मैसूर में मिलाने से लोग आक्रोशित होगए और सड़कों पर उतर सरकार के खिलाफ़ प्रदर्शन करने लगे। इस उग्र विद्रोह को देख सरकार ने भाषायी आधार पर 1 नवंबर 1956 को उन जिलों के साथ स्टेट ऑफ मैसूर की घोषणा की जिसे साल 1973 में नाम बदलकर कर्नाटक कर दिया गया।
पंजाब
देश की आजादी के बाद पंजाब का पहला विभाजन 1947 में हुआ। पंजाब का एक पश्चिमी भाग जिसमें तीन नदियां शमिल थी उसे पाकिस्तान को दिया गया तो वहीं पूर्वी भाग दो नदियों के साथ भारत के हिस्से में आया। 1966 में पंजाब को भाषा के आधार पर तीन भागों में बांटा गया- हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और पंजाब।
हरियाणा
हरियाणा राज्य का गठन 1 नवंबर 1966 को पंजाब से भाषायी आधार पर अलग होकर हुआ। 18 सितंबर 1966 को सीमा आयोग के सिफारिशों पर भारत सरकार ने पंजाब पुनर्गठन विधेयक 1966 को पारित किया और फिर इसी विधेयक के अनुसार 1 नवंबर को पंजाब से अलग होकर नया राज्य हरियाणा बना।