सरकार ने 14 खरीफ फसलों की MSP में की वृद्धि: धान की कीमत ₹2369, तुअर दाल में ₹450 का इजाफा

MSP Increase: केंद्र सरकार ने किसानों को बड़ी राहत देते हुए खरीफ सीजन 2025-26 के लिए 14 प्रमुख फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में वृद्धि को मंजूरी दी है। इस फैसले से किसानों को उनकी उपज की लागत पर कम से कम 50% मुनाफा सुनिश्चित होगा। केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक, जिसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की, में इस निर्णय की घोषणा की गई। कुल मिलाकर, इस MSP पैकेज का मूल्य लगभग 2.07 लाख करोड़ रुपये आंका गया है, जो पिछले सीजन की तुलना में किसानों को अतिरिक्त आय प्रदान करेगा।

प्रमुख फसलों की नई MSP और वृद्धि

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि यह वृद्धि कृषि लागत और मूल्य आयोग (CACP) की सिफारिशों और राज्यों के इनपुट के आधार पर की गई है। नई MSP निम्नलिखित है:

  • धान की एमएसपी (Paddy MSP/ Dhan MSP): ₹2,369 प्रति क्विंटल (पिछले साल से ₹69 की वृद्धि)।
  • तुअर दाल की एमएसपी(Tur Dal MSP): ₹450 की वृद्धि, नई कीमत ₹8,300 प्रति क्विंटल।
  • मूंग की एमएसपी(Moong MSP): ₹8,682 प्रति क्विंटल (पिछले साल से ₹124 की वृद्धि)।
  • उड़द की एमएसपी (Urad MSP): ₹7,400 प्रति क्विंटल (पिछले साल से ₹450 की वृद्धि)।
  • बाजरा की एमएसपी(Bajra MSP): 77% मुनाफा मार्जिन के साथ सबसे अधिक लाभकारी फसल।
  • मक्का की एमएसपी(Maize MSP/ Makka MSP): 54% मुनाफा मार्जिन।
  • कपास की एमएसपी (Cotton MSP/ Kapas MSP), सोयाबीन (Soybean), मूंगफली (Groundnut MSP), और अन्य तिलहन (Oilseeds MSP) जैसे सूरजमुखी और नाइजर में भी उल्लेखनीय वृद्धि की गई है।

MSP वृद्धि का आधार

MSP तय करने में कई कारकों को ध्यान में रखा गया, जैसे:

  • उत्पादन लागत: सभी फसलों की MSP को लागत से कम से कम 1.5 गुना अधिक रखा गया है, जैसा कि 2018-19 के केंद्रीय बजट में घोषित किया गया था।
  • घरेलू और अंतरराष्ट्रीय मूल्य रुझान: वैश्विक बाजार और स्थानीय मांग-आपूर्ति को ध्यान में रखा गया।
  • जल और भूमि संसाधनों का उपयोग: पानी और जमीन के उपयोग को अनुकूलित करने पर जोर।
  • कृषि और गैर-कृषि क्षेत्रों में संतुलन: किसानों और उपभोक्ताओं के बीच मूल्य समता बनाए रखना।

किसानों के लिए लाभ

  • आर्थिक लाभ: इस वृद्धि से किसानों को पिछले सीजन की तुलना में लगभग 35,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय होने की उम्मीद है।
  • खरीद में वृद्धि: पिछले 10 वर्षों (2014-15 से 2024-25) में धान की खरीद 4,590 लाख मीट्रिक टन से बढ़कर 7,608 लाख मीट्रिक टन हो गई है। 14 खरीफ फसलों की खरीद भी 4,679 लाख मीट्रिक टन से बढ़कर 7,871 लाख मीट्रिक टन हो गई है।
  • खाद्य सुरक्षा: 2024-25 में रिकॉर्ड खरीफ उत्पादन (164.7 मिलियन टन) और 2025 में दक्षिण-पश्चिम मानसून के सामान्य से अधिक (105% LPA) रहने की भविष्यवाणी से खाद्य सुरक्षा को और मजबूती मिलेगी।

कृषि मंत्रालय की अन्य पहल

  • प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना (PM Dhan-Dhanya Krishi Yojana): 100 कम उत्पादकता वाले जिलों में 1.7 करोड़ किसानों को लाभ पहुंचाने की योजना शुरू की गई है।
  • वृक्षारोपण अभियान (Plantation Drive): पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने हरित पहल को भी प्रोत्साहन दिया है।

प्रभाव और महत्व

यह MSP वृद्धि किसानों की आय बढ़ाने और उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। खास तौर पर हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, और मध्य प्रदेश जैसे खरीफ फसल उत्पादक राज्यों में यह निर्णय किसानों के लिए राहत भरा है। हालांकि, कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि मंडी कीमतें अभी भी कुछ फसलों के लिए MSP से कम हैं, जिसके लिए सरकार को और प्रभावी खरीद तंत्र विकसित करने की जरूरत है।

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