रीवा में आवारा कुत्तों का आतंक: नरेंद्र नगर में बच्चे की मौत के बाद भी नहीं जागा नगर निगम

Terror of stray dogs in Rewa

लोकमणि शुक्ला
Terror of stray dogs in Rewa: रीवा शहर के नरेंद्र नगर में आवारा कुत्तों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। हाल ही में वार्ड क्रमांक 17 के निवासी आदित्य कोल को उस समय कुत्ते ने काट लिया, जब वह पास की दुकान से सामान लेकर लौट रहे थे। कुत्ते ने उनके हाथ पर गंभीर रूप से हमला किया, जिससे मोहल्ले में दहशत फैल गई। यह घटना कोई पहली नहीं है; दो दिन पहले एक युवती भी कुत्तों का शिकार बन चुकी है। इसके अलावा, 8 जुलाई को नरेंद्र नगर के स्वयंवर पैलेस के पास रहने वाले 13 वर्षीय नितिन की कुत्ते के काटने से मौत हो गई थी। लगातार बढ़ रही इन घटनाओं से स्थानीय लोग डर के साये में जी रहे हैं।

नितिन की मौत ने उठाए रैबीज इंजेक्शन पर सवाल
16 जून को नितिन को कुत्ते ने काटा था। परिजनों ने तुरंत संजय गांधी चिकित्सालय में रैबीज का इंजेक्शन लगवाया, लेकिन तीन डोज के बाद भी रैबीज के प्रसार को रोकने में नाकामी के कारण नितिन की जान चली गई। इस घटना ने सरकारी अस्पतालों में रैबीज इंजेक्शन की गुणवत्ता और आपूर्ति पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। डॉक्टरों ने भी दवा की उपलब्धता और प्रभावशीलता पर चिंता जताई है।

नगर निगम की उदासीनता से बढ़ा आक्रोश
स्थानीय निवासियों ने नगर निगम, पार्षद और महापौर से बार-बार शिकायत की, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। नरेंद्र नगर के राजमणि तिवारी ने आक्रोश जताते हुए कहा, “एक मासूम की जान चली गई, फिर भी आवारा कुत्ते रोज लोगों को शिकार बना रहे हैं। नगर निगम की लापरवाही बताती है कि उन्हें और कितनी मौतों का इंतजार है।” शहर के अन्य मोहल्लों में भी आवारा कुत्तों की समस्या गंभीर बनी हुई है।

नगर निगम की सफाई, ठेका प्रक्रिया में देरी
नगर निगम के स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि आवारा कुत्तों को पकड़ने के लिए नई एजेंसी अभी तय नहीं हो पाई है। निविदा प्रक्रिया चल रही है और वर्तमान में उपलब्ध संसाधनों से ही काम चलाया जा रहा है। इस जवाब से स्थानीय लोग संतुष्ट नहीं हैं और कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

तत्काल कार्रवाई और सुरक्षा की मांग
नरेंद्र नगर सहित शहर के अन्य हिस्सों में रहने वाले लोग अब तत्काल कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। वे चाहते हैं कि आवारा कुत्तों को नियंत्रित करने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएं और रैबीज इंजेक्शन की गुणवत्ता सुनिश्चित की जाए। लोगों का कहना है कि अगर समय रहते कार्रवाई नहीं हुई, तो ऐसी घटनाएं और बढ़ सकती हैं।

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