Mandap Arts Celebrates Premchand Jayanti Kafan Staged and Stories Brought to Life – मण्डप सांस्कृतिक शिक्षा कला केन्द्र द्वारा पत्रकार भवन कला मंदिर में हिन्दी साहित्य सम्राट मुंशी प्रेमचंद की जयंती धूमधाम से मनाई गई। कार्यक्रम में कलाकारों ने प्रेमचंद की कालजयी कहानियों का पाठ और प्रसिद्ध नाटक ‘कफ़न’ का मंचन कर दर्शकों को गहरे तक प्रभावित किया। इस आयोजन ने हिन्दी साहित्य के प्रति नई पीढ़ी में उत्साह जगाया और प्रेमचंद के साहित्यिक योगदान को पुनः स्मरण कराया गया ।
कला की आराधना से आरंभ – Lighting the Lamp and Cultural Start
दीप प्रज्वलन और सरस्वती वंदना से कार्यक्रम की शुरुआत-Inauguration with Lamp Lighting and Invocation to Goddess Saraswati-कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती एवं मुंशी प्रेमचंद की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन से हुआ। स्वागत गीत अंशिका मिश्रा और भूमिका निगम ने प्रस्तुत किया, जिसने वातावरण को संस्कृतिक ऊर्जा से भर दिया।
कफ़न का जीवंत मंचन -Powerful Stage Performance of ‘Kafan’
रत्नेश गोस्वामी और आशीष दाहिया ने मंच पर जगा दी कहानी-Ratnesh Goswami & Ashish Dahiya Bring ‘Kafan’ to Life on Stage – प्रेमचंद की सबसे मार्मिक कहानी ‘कफ़न’ को मंचित करते हुए कलाकारों ने मानवीय संवेदनाओं और सामाजिक कटाक्ष को प्रभावशाली तरीके से दर्शाया। दर्शक भाव-विभोर हो उठे।

प्रेमचंद का जीवन और संघर्ष – Life and Struggles of Premchand – विपुल सिंह ने रेखांकित किया साहित्य सम्राट का योगदान-Vipul Singh Highlights the Literary Legacy of Premchand – मंचन के बाद विपुल सिंह ने मुंशी प्रेमचंद के जीवन, संघर्षों और लेखन यात्रा पर प्रकाश डाला। उन्होंने प्रेमचंद को “कलम का सच्चा सिपाही” बताया, जिनकी रचनाएं आज भी सामयिक हैं।
कहानी पाठ की प्रस्तुति – Live Readings of Iconic Stories
ईदगाह और पंच परमेश्वर की भावपूर्ण प्रस्तुति “Heartfelt Readings of Eidgah and Panch Parmeshwar” – ओमकार शर्मा ने ईदगाह, और बादल व अमन ने पंच परमेश्वर का प्रभावशाली पाठ किया। इन कहानियों की सरलता और संवेदनशीलता ने कार्यक्रम में भावनात्मक गहराई ला दी।
लेखनी के प्रेरणा स्रोत – Literary Influence and Inspiration
प्रेमचंद – कालजयी साहित्य के नायक-Premchand: Eternal Beacon of Indian Literature – मण्डप आर्ट्स के निदेशक विनोद कुमार मिश्रा ने प्रेमचंद को ‘साहित्य का प्रकाशपुंज’ बताते हुए कहा कि उनके विचार और लेखन सदैव प्रासंगिक रहेंगे। राज तिवारी भोला ने प्रेमचंद की लेखनी में गांधीजी के विचारों की छाप पर प्रकाश डाला।
युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा – Guiding Light for the Youth
कन्या साहित्य में जीवन मूल्य और मार्गदर्शन – Value-Based Literature for Guiding Young Minds – सुधीर सिंह ने प्रेमचंद के कन्या साहित्य को भारतीय जीवन मूल्यों का प्रतीक बताया, जो आज की युवा पीढ़ी के लिए मार्गदर्शक सिद्ध हो सकता है।
उल्लेखनीय उपस्थिति – Notable Participation
कला और साहित्य से जुड़े गणमान्य लोग रहे शामिल- Eminent Guests and Artists Grace the Occasion-कार्यक्रम में मुख्य अतिथि दादा अशोक सिंह के साथ चंद्रकांता मिश्रा, अमोल सिंह, विपुल सिंह, राज तिवारी भोला, रत्नेश गोस्वामी, आशीष दाहिया, बादल नट, अंशिका मिश्रा, शांभवी श्रीवास्तव, आदर्श पटेल, प्रमोद गौतम समेत कई साहित्यप्रेमी और कलाकार मौजूद रहे।
विशेष – Conclusion – साहित्य का जीवंत उत्सव बना प्रेमचंद जयंती समारोह Premchand Jayanti Becomes a Lively Celebration of Literature – यह आयोजन प्रेमचंद की साहित्यिक विरासत को जीवित रखने का एक सार्थक प्रयास रहा। मंचन, पाठ और विचार-विमर्श के माध्यम से कलाकारों ने न सिर्फ उनकी रचनाओं को श्रद्धांजलि दी बल्कि आज की पीढ़ी को भी साहित्य से जोड़ने का सेतु बनाया।