बारिश का मौसम अपने साथ ताज़गी, ठंडक और हरियाली तो लाता है, लेकिन यह मौसम बीमारियों का घर भी बन सकता है। खासकर खाने-पीने की चीज़ों को लेकर विशेष सावधानी बरतना ज़रूरी होता है। इस मौसम में कई लोग हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक, मेथी, बथुआ, सरसों, चौलाई आदि का सेवन करते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं, बारिश के दिनों में इन सब्जियों से परहेज़ करना सेहत के लिए कितना नुकसानदायक हो सकता है, अगर नहीं जानते तो पूरा पढ़िए इस आर्टिकल को ?
बारिश में हरी पत्तेदार सब्जियों से दूरी बनाना क्यों ज़रूरी है ?
कीटाणु और बैक्टीरिया का खतरा – बरसात में नमी और गंदगी बढ़ जाती है, जिससे पत्तेदार सब्जियों पर बैक्टीरिया, कीड़े और फंगस जल्दी पनपते हैं।
कीटनाशकों का ज़्यादा असर – बारिश में खेतों में कीटनाशक ज्यादा उपयोग होते हैं और पत्तियों पर जम जाते हैं। इन्हें अच्छी तरह धोना मुश्किल होता है।
पाचन तंत्र पर असर – मानसून में पाचन शक्ति कमजोर हो जाती है। पत्तेदार सब्जियों में मौजूद फाइबर कभी-कभी गैस, अपच या एसिडिटी बढ़ा सकते हैं।
विशेष रूप से इन समस्याओं का हो सकता है सामना
- फूड पॉइज़निंग
- स्किन एलर्जी या रैशेज़
- पेट दर्द, दस्त या उल्टी
- परजीवी संक्रमण (जैसे अमीबायसिस)
इन विकल्पों को अपनाएं
- पत्तेदार सब्जियों की जगह मौसम की ताज़ा और सुरक्षित सब्जियां जैसे तोरई, लौकी, कद्दू, टिंडा, गाजर, बीन्स, भिंडी आदि का सेवन करें।
- उबली या स्टीम्ड सब्जियों का सेवन करना अत्यंत लाभकारी होगा।
- इस मौसम में सलाद में कच्ची पत्तेदार सब्जियों से परहेज़ करें।
अगर खानी ही हों पत्तेदार सब्जियां, तो ये सावधानिया ज़रूरी हैं
- अच्छी तरह धोकर और गर्म पानी में नमक डालकर कुछ देर रखें फिर इस्तेमाल करें।
- अच्छी तरह पकाएं, कच्ची न बिल्कुल न खाएं।
- ताज़ा और ऑर्गेनिक सब्जियां ही चुनें।
विशेष :- मानसून में बीमारियों से बचाव के लिए खानपान में थोड़ा बदलाव ज़रूरी होता है। हरी पत्तेदार सब्जियां सामान्यतः सेहत के लिए फायदेमंद होती हैं, लेकिन बारिश के मौसम में इनसे परहेज़ करना ही बेहतर होता है। थोड़ी सी सतर्कता आपको बड़े संक्रमण से बचा सकती है।